
एसपी धमतरी के निर्देशन में साइबर अपराधियों पर लगातार शिकंजा – फर्जी सिम जारी करने वाले और म्यूल अकाउंट चलाने वालों को चेतावनी! थाना अर्जुनी एवं थाना मगरलोड की संयुक्त कार्यवाही से मिली सफलता – फर्जी सिम बेचने वालों पर कसा शिकंजा, साइबर फ्रॉड पर नकेल कसने की दिशा में बड़ा कदम!
धमतरी | एसपी. धमतरी के निर्देश पर धमतरी पुलिस थाना अर्जुनी द्वारा 139 फर्जी सिम कार्ड जारी करने वाले एवं थाना मगरलोड में 01 फर्जी सिम कार्ड जारी करने वाले दो एजेंट हुए गिरफ्तार – सिटी कोतवाली व सिहावा पुलिस भी पूर्व में चार आरोपियों को भेज चुकी है जेल।
प्रकरण – : थाना अर्जुनी की कार्यवाही
पुलिस मुख्यालय, अटल नगर नवा रायपुर से प्राप्त सूचना के आधार पर धमतरी पुलिस द्वारा प्वाइंट ऑफ सेल (POS) एजेंटों द्वारा फर्जी सिम कार्ड जारी करने की जांच प्रारंभ की गई थी। जांच के दौरान थाना अर्जुनी अंतर्गत POS एजेंट नूरेन्द्र पुरी पिता महेन्द्र पुरी (उम्र 23 वर्ष, निवासी ग्राम तरसींवा) द्वारा भारतीय एयरटेल लिमिटेड के 95 एवं वोडाफोन-आईडिया कंपनी के 44 सिम कार्ड – कुल 139 सिम कार्ड फर्जी तरीके से जारी करना पाया गया।आरोपी ने ग्राहकों के आधार कार्ड, फोटो एवं बायोमेट्रिक डेटा का दुरुपयोग करते हुए बिना सत्यापन के सिम कार्ड एक्टिवेट किए, जिन्हें आगे फर्जी कॉल, ओटीपी चोरी एवं वित्तीय धोखाधड़ी में उपयोग किया गया। जांच में यह भी सामने आया कि इन सिम कार्डों में से कई का उपयोग साइबर अपराधों में किया गया है। आरोपी से सिम जनरेट करने में प्रयुक्त मोबाइल व सिम कार्ड जप्त किए गए हैं। वैधानिक कार्यवाही: थाना अर्जुनी में अपराध क्रमांक 40/2025, धारा 318(4) भारतीय न्याय संहिता (BNS), धारा 66(सी) आईटी एक्ट एवं टेलीकम्यूनिकेशन एक्ट 2023 की धारा 42(3)(E) के तहत अपराध पंजीबद्ध कर आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है।
आरोपी का नाम -: नूरेन्द्र पुरी पिता महेन्द्र पुरी उम्र 23 वर्ष, निवासी ग्राम तरसींवा,थाना अर्जुनी, जिला धमतरी (छ.ग.)
प्रकरण – थाना मगरलोड की कार्यवाही थाना मगरलोड क्षेत्र में शिकायत पर कार्यवाही करते हुए पुलिस ने फर्जी सिम कार्ड जारी करने वाले जिओ एजेंट नंदकुमार निषाद पिता प्रहलाद निषाद (उम्र 41 वर्ष, निवासी ग्राम बोरसी भाठापारा) को गिरफ्तार किया है। प्रार्थी दुर्जन राम सिन्हा (उम्र 55 वर्ष, निवासी बोरसी) ने रिपोर्ट दी कि वर्ष 2022 में उसने जिओ सिम नंबर खरीदा था, किंतु आरोपी ने उसकी जानकारी के बिना उसके आधार कार्ड एवं फेस आईडी का उपयोग कर फर्जी सिम कार्ड नंबर किसी अन्य व्यक्ति को जारी कर दिया। जांच में पाया गया कि आरोपी ने पीओएस आईडी नंबर का दुरुपयोग कर सिम कार्ड फर्जी तरीके से एक्टिवेट किया। आरोपी से सिम जारी करने में प्रयुक्त मोबाइल व पीओएस सिम उपकरण बरामद किए गए हैं। थाना मगरलोड में अपराध क्रमांक 57/2025, धारा 419, 420 भा.दं.सं., 66(सी) आईटी एक्ट एवं 42(3)(ई) टेलीकम्यूनिकेशन एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध कर आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है। उल्लेखनीय है की थाना सिटी कोतवाली एवं थाना सिहावा पुलिस द्वारा भी हाल ही में फर्जी सिम कार्ड तैयार करने एवं उपयोग करने के तीन प्रकरणों में प्रभावी कार्यवाही करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है। ऐसे प्रकरणों में अन्य संलिप्त व्यक्तियों की पतासाजी की जा रही है एवं आगे की कार्यवाही निरंतर जारी है।
म्यूल अकाउंट (Mule Account) क्या है?- “म्यूल अकाउंट” ऐसे बैंक खाते होते हैं जिनका उपयोग ठगी, साइबर फ्रॉड या किसी अन्य अवैध लेन-देन से प्राप्त पैसों को छिपाने और आगे ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है।अपराधी अक्सर भोले-भाले लोगों को कमीशन या लालच देकर उनके खाते किराए पर ले लेते हैं। इन खातों में ठगी की रकम आती है और तुरंत किसी दूसरे खाते में भेज दी जाती है ताकि पैसे का स्रोत छिपाया जा सके।जो व्यक्ति अपना बैंक खाता किसी और को उपयोग के लिए देता है, वह अपराध में सहयोगी (Abettor) माना जाता है। वैधानिक कार्यवाही ऐसे लोगों पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act) की धारा 66-D, 66-C, एवं भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 420 (ठगी) के तहत कठोर कार्रवाई की जा सकती है। बैंक द्वारा ऐसे खातों को ब्लॉक या फ्रीज भी किया जा सकता है। फर्जी सिम (Fake SIM) क्या है? फर्जी सिम वह है जो झूठे दस्तावेज़ों, किसी अन्य व्यक्ति की पहचान या बिना सत्यापन के जारी की जाती है। इनका उपयोग अपराधी ऑनलाइन ठगी, फर्जी कॉल सेंटर, बैंक फ्रॉड या साइबर अपराध में करते हैं। फर्जी सिम का उपयोग करके अपराधी अपनी असली पहचान छिपाते हैं। ऐसे सिम बेचने, उपलब्ध कराने या उपयोग करने वाले व्यक्ति को भी समान रूप से अपराधी माना जाता है।
वैधानिक कार्यवाही फर्जी सिम जारी या उपयोग करने वालों पर आईटी एक्ट, टेलीकॉम रेगुलेटरी गाइडलाइंस एवं भारतीय दंड संहिता की ठगी संबंधी धाराओं के तहत सख्त कार्यवाही की जाती है। धमतरी पुलिस की चेतावनी-: फर्जी सिम बेचने वाले व म्यूल अकाउंट धारक सावधान रहें — आप सीधे साइबर अपराध में सहभागी बन रहे हैं। अब तक 6 आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं, और ऐसे मामलों में लगातार कार्रवाई जारी है। जो भी व्यक्ति अपने बैंक खाते या सिम का दुरुपयोग करवाएगा, उस पर समान कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
धमतरी पुलिस की अपील भारतीय दूरसंचार विभाग ने नागरिकों की सुरक्षा और मोबाइल नंबरों के दुरुपयोग को रोकने के लिए *TAFCOP पोर्टल शुरू किया है। यह पोर्टल लोगों को यह जानने की सुविधा देता है कि उनके नाम पर कितने मोबाइल कनेक्शन जारी किए गए हैं। यदि किसी अनजान या फर्जी नंबर का पता चलता है, तो व्यक्ति उसे रिपोर्ट कर सकता है ताकि अवैध उपयोग रोका जा सके। TAFCOP पोर्टल जनता को डिजिटल धोखाधड़ी से बचाने और मोबाइल सेवाओं में पारदर्शिता लाने का एक प्रभावी कदम है।
क्या आपके आधार का इस्तेमाल कर आपके नाम पर भी फर्जी मोबाइल नंबर सक्रिय है? आज ही चेक करे https://tafcop.sancharsaathi.gov.in/ पर अपना फोन नंबर डाले और अपने नाम पर जारी सारे फोन नंबरों को देखे और फर्जी नंबर को ब्लॉक करवाए।