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प्रत्येक तहसील में दो-तीन साल से अनेक मामले लंबित, हरहाल में प्रकरणों का करें निराकरण

कलेक्टर ने ली राजस्व अधिकारियों की बैठक, दिए निर्देश 
धमतरी| कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक लेकर निर्देशित किया कि जिले में गिरदावरी का काम पूर्ण हो चुका है, किन्तु इसके लिए सहकारी समितियों में शत-प्रतिशत किसानों से निर्धारित प्रारूप में स्वघोषणा पत्र प्राप्त करना अनिवार्य है। इसके अभाव में किसानों से धान क्रय करना संभव नहीं होगा, इसलिए प्रत्येक किसान से आवश्यक रूप से भरा हुआ घोषणा पत्र प्राप्त करें। इसके अलावा कलेक्टर ने अविवादित बंटवारा, नामांतरण फर्द बंटवारा जैसे प्रकरणों की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रत्येक तहसील में दो-तीन साल से अनेक मामले लंबित हैं। इनके समुचित निबटारे के लिए जरूरी होने पर राजस्व अधिकारियों को प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। उन्होंने हरहाल में प्रकरणों का शीघ्रता से निराकरण करने के निर्देश राजस्व अधिकारियों को दिए। गंगरेल जलाशय में स्थित जल संसाधन विभाग के विश्राम गृह में  आयोजित बैठक में कलेक्टर ने कोरोना संक्रमण की व्यापकता को देखते हुए कार्यालयों में आवश्यक उपाय करने के लिए कहा। इसके तहत कार्यालय के स्टाफ सहित वहां आने वाले लोगों के लिए गुणवत्ता वाले मास्क की अनिवार्यता, सैनिटाइजर का नियमित उपयोग तथा कार्यालयों की सफाई के लिए सोडियम हाइपोक्लोराइट का उपयोग करने के निर्देश दिए। साथ ही नस्ती से संबंधित कार्य बार-बार न करके एक ही समय में करते हुए हाथों को सैनिटाइज करने के लिए कहा। कलेक्टर ने बताया कि जिले में हुई अब तक 40 मौतों में सिर्फ तीन मौतें ही कोरोना वायरस से हुई हैं, जबकि शेष 37 मरीज को-माॅर्बिडिटी (अन्य गम्भीर बीमारी जैसे मधुमेह, रक्तचाप, अस्थमा, टीबी, हृदय विकार आदि से ग्रसित) के चलते हुई है। उन्होंने आमजनता की सहुलियतों को दृष्टिगत करते हुए छोटे राजस्व प्रकरणों के निबटारे के लिए संबंधित हल्का पटवारी के साथ कैम्प लगाने के भी निर्देश दिए, जहां पर नामांतरण, बंटवारा जैसे प्रकरणों का मौके पर निराकरण कराया जा सके। उन्होंने जिले की सभी तहसीलों में ऐसे प्रकरणों की लम्बी फेहरिस्त पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि पेशी को तारीख दर तारीख आगे बढ़ाने के बजाय सभी पक्षकारों की मौजूदगी में आम राय तैयार करें। पिछली बैठक में दिए गए निर्देश के अनुसार एक माह के भीतर पटवारी प्रतिवेदन प्राप्त करने व इश्तहार का प्रकाशन करने के लिए तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों को निर्देशित किया। इसके लिए प्रक्रिया का अध्ययन कर फौरी तौर पर निर्णय देने पर जोर दिया, जिससे कि आवेदकों को वाद-प्रतिवाद के लिए अनावश्यक रूप से बार-बार परेशानी उठानी न पड़े। कलेक्टर ने कहा यह भी कहा कि कोर्ट में बैठने की निर्धारित तिथि में वह प्रत्येक तहसील का दौरा कर फर्द बंटवारे के लंबित प्रकरणों पर की जाने वाली कार्रवाई को स्वयं उपस्थित रहकर परीक्षण करेंगे। जरूरत पड़ने पर लंबित प्रकरणों के निष्पादन के लिए राजस्व अधिकारियों को पृथक् से प्रशिक्षण देने की बात भी उन्होंने कही। इसके अलावा सभी प्रकरणों की सुनवाई इस माह से ई-कोर्ट के माध्यम से ही करने तथा आदेश जारी वहीं से करने के लिए कलेक्टर ने निर्देशित किया। साथ ही आरबीसी 6-4 के प्रकरणों में जहां तक संभव हो, हितग्राहियों को अविलम्ब सहायता राशि का पूरा लाभ मिल सके, ऐसा प्रयास करने की बात कही। इसी तरह पंचायती राज अधिनियम के तहत धारा-40 की सही व्याख्या करने के लिए इसमंे निहित प्रावधानों व नियमों का अध्ययन करने के भी निर्देश दिए। इसके अलावा कलेक्टर ने बैठक में डायवर्सन, नजूल पट्टा निर्माण एवं वितरण, अतिक्रमण एवं नियमितिकरण, नामांतरण, सीमांकन, विवादित एवं अविवादित बंटवारा, ई-कोर्ट में प्रकरण, पटेल एवं कोटवार नियुक्ति सहित विभिन्न राजस्व प्रकरणों की प्रगति की समीक्षा तहसीलवार करते हुए शीघ्रता से निष्पादित करने के निर्देश उपस्थित राजस्व अधिकारियों को दिए। बैठक में जिला पंचायत की सी.ई.ओ. श्रीमती नम्रता गांधी, अपर कलेक्टर दिलीप अग्रवाल, संयुक्त कलेक्टर जितेन्द्र कुर्रे सहित तीनों अनुभाग के अनुविभागीय (राजस्व) अधिकारी, डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार तथा नायब तहसीलदार मौजूद थे।
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