पोला छत्तीसगढ़ की संस्कृति की धरोहर : रंजना

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विधायक ने दी क्षेत्रवासियों को पर्व की बधाई 

धमतरी| विधायक रंजना डीपेंद्र साहू ने क्षेत्रवासियों को पोला पर्व की  शुभकामनाएं देते हुए कहा कि किसी भी राज्य की पहचान वहां की संस्कृति से होती है। हमारा छत्तीसगढ़ राज्य भी विभिन्न संस्कृतियों को समेटे हुआ हैं, जिसमें से एक संस्कृति हमारा पोला का पर्व है। हमारा प्रदेश कृषि प्रधान राज्य है। पोला का त्यौहार मूलतः खेती-किसानी से जुड़ा त्यौहार है, यह पर्व भादो माह की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है, पोला पर्व में बैलों को नहला कर उनके सींग व खुर को पेंट या पालिश लगाकर सजाते हैं।

गले में घुंघरू, घंटी या कौड़ी से बने आभूषण पहनाते हैं तथा सजाकर आरती उतारकर पूजा अर्चना करते हैं। कृषक फसलों के बढ़ने की खुशी में बैलों की पूजा कर कृतज्ञता दर्शाते  है | पोला पर्व की पूर्व रात्रि को गर्भ पूजा भी  की जाती  है| ऐसा माना जाता है कि इसी दिन अन्न माता गर्भ धारण करती है अर्थात धान के पौधों में दूध  भरता है| इस दिन विभिन्न प्रकार की प्रतिस्पर्धा का भी आयोजन किया जाता है।