
धमतरी | छत्तीसगढ़ में सरकार ने गोबर की खरीदी का निर्णय लिया है। इसके बाद पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने सरकार की नीति का विरोध करते हुए कहा कि गोबर को राजकीय चिह्न बना देना चाहिए। चंद्राकर ने ट्वीट किया छत्तीसगढ़ के वर्तमान राजकीय चिह्न नरवा घुरवा की अपार सफलता और छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था में गोबर के महत्व को देखते हुए राजकीय प्रतीक चिह्न बना देना चाहिए। चंद्राकर के ट्वीट पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेताओं सहित जिला के कांग्रेसी नेताओं के द्वारा भी टिप्पणी की इस पर जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष शरद लोहाना ने कहा कि आपकी संघशिक्षा और दीक्षा एकदम दुस्त्र्स्त है, वो विनायक सावरकर, जिन्हें आप वीर कहते हैं, वो भी गौमाता और गोबर के बारे में ऐसी ही अपमानजनक बात कहते थे। छत्तीसगढ़ की जनता सुन देख रही है। इस पर जिला कांग्रेस कमेटी ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा की आपकी सोच को देखकर लगता है कि सरकार की इस योजना से भाजपा के नेताओं को काफी लाभ मिल सकता है, उठाना भी चाहिए। दिमाग में भरे गोबर को बेचें आर्थिक लाभ पाएं। कुछ अच्छी चीजें भी दिमाग में घुसेंगी। गाय के गोबर का बहुत महत्व है। गाय के गोबर से गौरी गणेश बनाये जाते हैं। गोबर से कंडे बनाये जाते हैं, जिससे हम भोजन बनाते हैं। गोबर के कंडे से मनुष्य का अंतिम संस्कार भी किया जाता है। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार जब कोई बड़ा यज्ञ, हवन या पूजा होती है तो पंचगब्य तैयार किया जाता है, जिसमें गाय का दूध, दही, घी, गाय का गोबर और गौमूत्र की आंशिक मात्रा मिला ग्रहण कर पूजा की शुरुआत की जाती है। गाय के गोबर से भोजन बनाने, लाइट जलाने गोबर गैस भी बनाई जाती है। घर द्वार की पुताई कर शुद्ध किया जाता है। माननीय विधायक अजय चंद्राकर जी, ऐसे ही किसान विरोधी बयानबाजी करते रहेंगे, तो जल्द ही आपको हम गोबर भेंट करने आपके पास आयेंगे।
वही ब्लाक अध्यक्ष नरेश जसूजा, योगेश लाल ने कहा की आखिरकार भाजपा को गौ माता सनातन हिंदू धर्म छत्तीसगढ़, छत्तीसगढ़ की अस्मिता और छत्तीसगढ़ के राजकीय प्रतीक चिन्ह से इतनी नफरत क्यों है, भाजपा का असली चेहरा जिले के कद्दावर नेता पूर्व मंत्री के दो ट्वीट के बाद बेनकाब हो गया है। इसमें उन्होंने गोवंश और छत्तीसगढ़ राज्य के प्रतीक चिल्ह का अपमान किया है। भाजपा चुनाव में अवसरवादिता का लाभ उठाते हुए हिंदुत्व और गौ सेवा का मुद्दा भुनाती रही है। लेकिन वास्तव में ना तो भाजपा के मन में हिंदुओं के प्रति कभी प्रेम रहा है और ना ही गौ माता के प्रति। गोबर के बाद सरकार गोमूत्र की खरीदी पर भी विचार कर सकती है तब इस योजना का भाजपा के द्वारा इतना विरोध क्यों, भाजपा तय कर ले या तो वह गौ माता सनातन हिंदू धर्म और छत्तीसगढ़ वासियों के पक्ष में है या खिलाफ।