धमतरी | आगामी 31 अक्टूबर को दीपावली का त्यौहार है। इसके मद्देनजर जिला सेनानी एवं जिला अग्निशमन अधिकारी श्रीमती शोभा ठाकुर ने जिले में अग्नि दुर्घटनाओं से बचाव हेतु सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से पटाखा दुकानों हेतु मानकों के संबंध में एडवाइजरी जारी की है। उन्होंने बताया कि दीपावली पर्व के दौरान निर्मित स्थायी/अस्थायी संरचना एवं पंडालो में संचालित पटाखा दुकानों में सुरक्षा मानको का पालन करते हुए अग्निशमन यन्त्र को रखकर सावधानियों को अपनाना सुनिश्चित करें। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि पालन नहीं करने पर संबंधित संचालक स्वयं जिम्मेदार होंगे। जारी एडवायजरी अनुसार पटाखा दुकान किसी भी ज्वलनशील पदार्थ जैसे कपड़ा, बांस रस्सी, टेंट इत्यादि का न होकर, अज्वलनशील सामग्री से बने टिन शेड द्वारा निर्मित होना चाहिए, पटाखा दुकान एक दुसरे से कम से कम तीन मीटर की दूरी (साइड) पर एवं एक दूसरे के सामने न बनाई जाए, पटाखा दुकानों में प्रकाश व्यवस्था हेतु किसी भी प्रकार के तेल का लैंप, गैस लैम्प एवं खुली बिजली बत्ती का प्रयोग प्रतिबन्धित होना चाहिए, किसी भी पटाखा दुकान से 50 मीटर के अंदर आतिशबाजी प्रदर्शन प्रतिबन्धित होनी चाहिए, विद्युत तारों में ज्वाइंट खुला नहीं होना चाहिए एवं प्रत्येक मास्टर स्विच में फ्युज या सर्किट ब्रेकर लगा होना चाहिए, जिससे शार्ट सर्किट की स्थिति में विद्युत प्रवाह स्वतः बन्द हो जाए। दुकानें ट्रांसफार्मर के पास न हो और उनके ऊपर से हाई टेंशन पावर लाइन न गुजरती हो। प्रत्येक पटाखा दुकान में 5 कि.ग्रा. क्षमता का डीसीपी अग्नि शामक यन्त्र होना चाहिए (इसकी मानक क्षमता 6 फीट की होती है।), दुकानों के सामने कुछ अंतराल में 200 लीटर क्षमता के ड्रम की व्यवस्था बाल्टियों के साथ होना चाहिए। पटाखा दुकानों के सामने बाइक/कार की पार्किंग प्रतिबंधित होना चाहिए, अग्निशमन विभाग एवं एम्बुलेंस का फोन नंबर, दुकान परिसर के कुछ स्थानों में लगाया जाए, अग्निशमन वाहन को उपलब्धता के अनुसार शाम 7 बजे से रात 10 बजे (रश ऑवर) के समय स्टैंड बाई ड्यूटी हेतु उपलब्ध कराया जा सकता है तथा अग्निशमन वाहन के मूवमेंट के लिए पर्याप्त स्थान होना चाहिए।
क्या करें – लायसेंस प्राप्त विक्रेताओं से ही पटाखें खरीदें, यह सुनिश्चित करें, कि आप गुणवत्ता वाले पटाखे खरीद रहे हैं, जो दुर्घटनाओं के जोखिम को कम करने के लिए अनुमोदित हों। इमारतो, वाहनों और ज्वलनशील पदार्थों से दूर पार्क, बड़े मैदान जैसे खुले स्थानों में पटाखे जलाएं। पटाखे जलाते समय संभावित आपातकालीन स्थिति के लिए पानी की बाल्टी निकट रखें। आग से संबंधित चोटों के जोखिम को कम करने के लिए सूती वस्त्र पहनने को प्राथमिकता दें, क्योंकि सिंथेटिक कपड़े आसानी से आग पकड़ सकते है। पटाखे जलाते समय बच्चों की निगरानी के लिए हमेशा एक व्यस्क को साथ रखें, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे सुरक्षा उपायों का पालन कर रहे हैं। पटाखे फोड़ने के बाद इस्तेमाल किए गए पटाखों का पानी की बाल्टी में सुरक्षित तरीके से निपटान करें, ताकि किसी बची हुई चिंगारी से अग्नि दुर्घटना ना हो। एक बार में एक ही पटाखा जलाएं, आग लगने की आशंका को देखते हुए एक साथ कई पटाखे जलाने से बचें। पटाखे में आग लगाने के बाद उससे सुरक्षित दूरी रखें। पटाखे जलाते समय हमेशा हवा की दिशा को ध्यान में रखें, जिससे कि उसकी चिंगारी घरों या व्यक्तियों की ओर न उड़े।
क्या ना करें – घर के अन्दर, खिड़कियों के पास या अन्य बंद स्थानों पर कभी पटाखे ना जलाएं। पटाखे जलाते समय ढीले या लटकने वाले वस्त्र पहनने से बचें क्योंकि वे आसानी से आग पकड़ सकते हैं। ज्वलनशील पदार्थों के पास पटाखों का उपयोग ना करें पटाखों को सूखी पत्तियों, गैस सिलेण्डर या वाहनों जैसी वस्तुओं से दूर रखें। यदि कोई पटाखा जलने में विफल रहता है, तो उसे पुनः जलाने का प्रयास ना करें, अपितु कुछ देर प्रतीक्षा करने के उपरांत उसका सुरक्षित रूप से निपटान करें। यह सुनिश्चित करें कि पटाखे ऐसे स्थानों में न जलाए जाएं, जो आग लगने की स्थिति में आपातकालीन निकास मार्ग को अवरूद्ध कर सकते है। तेल के दियों या मोमबत्तियों को जलते हुए उपेक्षित ना छोड़ें, विशेष रूप से पर्दा या ज्वलनशील पदार्थों के पास। किसी भी तरह की चोट लगने या जलने पर तुरन्त चिकित्सक की सलाह लें तथा उचित मार्गदर्शन के बिना घरेलू उपचार ना करें।