
विकास मरकाम के शिकायत पर राष्ट्रीय जनजातीय आयोग ने लिया संज्ञान, धमतरी कलेक्टर को जारी हुआ नोटिस
धमतरी | नगरी और मगरलोड ब्लॉक के 110 ग्रामों को राजस्व ग्रामों जैसी सुविधाएं मिले इस दिशा में चल रहे आंदोलन, संघर्ष और प्रयास को एक बड़ी सफलता मिली है। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम के शिकायत पत्र पर संज्ञान लेते हुए धमतरी के कलेक्टर को नोटिस के माध्यम से आदेशित किया है कि 110 ग्रामों को राजस्व ग्रामों जैसी सुविधाएं देने की दिशा में क्या कार्रवाई हुई है इसकी जानकारी तत्काल उपलब्ध करवाया जाए।
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने विकास मरकाम के निवेदन पर 110 ग्रामों के लोगों के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए कलेक्टर से जवाब मांगा है। आयोग ने कड़े शब्दों में स्पष्ट कहा है कि यदि कलेक्टर जवाब नही देते तो उनके विरुद्ध अनुच्छेद 338 (क) के तहत कार्रवाई भी की जा सकती है।
विकास मरकाम ने प्रारंभ से ही मगरलोड और नगरी ब्लॉक के 110 ग्रामों के संघर्ष और मांग को अपना समर्थन दिया है। इसी कड़ी में उन्होंने राज्यपाल, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग और प्रधानमंत्री कार्यालय तक को पत्र लिखा। जिस पर संज्ञान लेने से 110 ग्रामों के लोगों के प्रसन्नता एवम उम्मीद की किरण दिखाई देने का विषय है।
पूर्व में भी विकास मरकाम जी ने राज्य सरकार को चेताया था कि वह अपने आदिवासी विरोधी रवैए से बाज आए। जनजाति बहुल 110 ग्रामों को सुविधाएं दे। राजस्व विभाग उनका पर्चा दुरुस्त करें नही तो भीषण संघर्ष किया जाएगा। स्थानीय विधायक को जनविरोधी बताते हुए विकास मरकाम ने उन्हें 110 ग्रामों के प्रति संवेदनहीन बताते हुए इन ग्रामों के लिए कुछ नहीं करने का भी आरोप लगाया। सड़क की लड़ाई लड़ने से पूर्व पत्र व्यवहार का सहारा विकास मरकाम द्वारा अपनाया गया है। जिसपर भारत के प्रमुख संवैधानिक आयोग द्वारा संज्ञान में लेना हर्ष का विषय है। उम्मीद है कि राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग द्वारा संज्ञान लेकर नोटिस जारी करने के बाद राज्य सरकार जिलाधीश के साथ मिलकर शीघ्र ही 110 ग्रामों के पर्चे दुरुस्त कर पूर्णतः राजस्व ग्रामों जैसी सुविधाएं प्रदान करेगी।