धमतरी| खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 के अंतर्गत राज्य शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर आगामी एक दिसम्बर से किसानों से धान खरीदा जाएगा। इसके लिए जिला स्तर के अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। धमतरी विकासखण्ड के ग्राम छाती स्थित धान उपार्जन केन्द्र के प्रांगण में नोडल अधिकारियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने कहा कि समर्थन मूल्य पर किसानों की धान-खरीदी प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता वाला कार्य है और नोडल अधिकारी सहजता से अपने दायित्वों का निर्वहन करें। उन्होंने गुणवत्तायुक्त धान खरीदने पर जोर देते हुए आगे कहा कि किसानों को किसी प्रकार दिक्कत ना हों, इसके लिए सभी काम शासन के निर्देशों के अनुरूप करें और टोकन वितरण से लेकर सभी प्रक्रिया में पूरी तरह पारदर्शिता बरतें। प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित नोडल अधिकारियों व समिति प्रबंधकों को कलेक्टर ने कहा कि इस वर्ष जिले में पंजीकृत किसानों की संख्या बढ़कर लगभग एक लाख 12 हजार हो गई है, वहीं गिरदावरी किए जाने से फसलों का बेहतर ढंग से वर्गीकरण हुआ है। उन्होंने बताया कि जिले में फसलोत्पादन दर काफी ऊंची है, इसलिए मण्डियों में धान की अच्छी आवक रहती है। कलेक्टर ने कहा कि धान खरीदी के शुरूआती दौर में सबसे ज्यादा फोकस टोकन वितरण पर रहेगा। समिति प्रबंधक इस बात का विशेष तौर पर ध्यान रखें कि टोकन वितरण में पूरी तरह पारदर्शिता बरती जाए और आॅनलाइन टोकन सिर्फ दो दिनों पूर्व जारी किया जाए। व्यवस्था निर्धारण के लिए आॅफलाइन (भौतिक) टोकन का वितरण उससे पहले कर लें। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि किसानों को यह जानकारी होनी चाहिए कि उनका धान कब बिकेगा। इस बात का भी ध्यान रखें कि केन्द्रों में धान गुणवत्तायुक्त ही खरीदें, किन्तु किसी किसान का धान वापस नहीं भेजें बल्कि उन्हें समझाइश दें कि धान को सुखाकर और साफ करके ही बेचें।
उन्होंने गुणवत्ता निर्धारण एवं परीक्षण के लिए स्थानीय समिति बनाने के निर्देश अनुविभागीय अधिकारियों को दिए। इसके अलावा केन्द्र से बाहर किसी को बारदाना नहीं देने, कैप कव्हर का पुख्ता इंतजाम करने, बारिश आदि से बचाने के संबंध में खरीदी से पूर्व आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने व नियमित रूप से उपार्जन केन्द्रों का निरीक्षण करने के निर्देश नोडल अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने कहा कि टोकन जारी करने के लिए किसानों के खेत का रकबा का मिलान किया जाएगा। अर्थात् लघु किसानों को प्राथमिकता के आधार पर ही टोकन जारी किए जाएंगे। किसानों को अधिकतम तीन बार टोकन जारी किया जा सकेगा। कलेक्टर ने पूरी खरीदी प्रक्रिया के दौरान मास्क के उपयोग की अनिवार्यता व सैनिटाइजर की उपलब्धता तथा सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करने पर विशेष तौर पर बल दिया। साथ ही सीमावर्ती राज्यों से अवैध धान का परिवहन न हो, इसके लिए चेक पोस्ट में सतत् निगरानी रखने के निर्देश अधिकारियों को दिए। इसके पहले, नोडल अधिकारियों को 34 बिन्दुओं पर आधारित चेक लिस्ट के अनुसार खरीदी केन्द्रों का निरीक्षण करने के बारे में जानकारी दी गई, जिसमें केन्द्र की साफ-सफाई, इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ कम्प्यूटर की उपलब्धता, आर्द्रतामापी यंत्र, तौल हेतु कांटा-बाट, तारपोलिन, बारदानों की उपलब्धता, खरीदी केन्द्र की बफर लिमिट, उपलब्ध चबूतरों की संख्या, किसान पंजीयन की स्थिति, डनेज की व्यवस्था, समर्थन मूल्य एवं आवश्यक दिशानिर्देशों के लिए बैनर-पोस्टर, एफएक्यू स्पेसिफिकेशन का प्रदर्शन, पेयजल एवं आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता आदि शामिल हैं। इस अवसर पर तीनों अनुभाग के अनुविभागीय अधिकारी, खाद्य विभाग, विपणन, भारतीय खाद्य निगम, नागरिक आपूर्ति निगम सहित नोडल अधिकारी के तौर पर जिले के अधिकारीगण एवं समिति प्रबंधक मौजूद थे।