
धमतरी जिले को बड़ी शैक्षिक सौगात: आदिवासी छात्राओं हेतु 4 छात्रावास स्वीकृत
दूरस्थ आदिवासी अंचलों की बेटियों को मिलेगा सुरक्षित आशियाना, शिक्षा को नई उड़ान
धमतरी | भारत सरकार के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, नई दिल्ली द्वारा संचालित PM JANMAN एवं DA-JGUA अभियान के अंतर्गत आयोजित PAB 2025-26 की बैठक (दिनांक 16 जून 2025) में धमतरी जिले को एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक उपलब्धि प्राप्त हुई है। धमतरी जिले के नगरी विकासखंड में अध्ययनरत PVTGs (विशेष रूप से पिछड़ी जनजाति) एवं अन्य अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों के लिए चार छात्रावासों के निर्माण को स्वीकृति प्रदान की गई है। यह पहल दूरस्थ एवं आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा की पहुंच और गुणवत्ता सुदृढ़ करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम मानी जा रही है। DA-JGUA योजना के अंतर्गत नगरी विकासखंड स्थित स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय, कुकरैल में 50 सीटर छात्रावास स्वीकृत किया गया है। वहीं PM JANMAN योजना के अंतर्गत हायर सेकेंडरी स्कूल डोंगरडुला, बेलरबहारा एवं रिसगांव में तीन 50-50 सीटर बालिका छात्रावास स्वीकृत हुए हैं। इस प्रकार धमतरी जिले में कुल 04 छात्रावासों के निर्माण हेतु ₹744.59 लाख (लगभग ₹7.45 करोड़) की स्वीकृति दी गई है। इन छात्रावासों के निर्माण की जिम्मेदारी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा (RES), विकास आयुक्त कार्यालय, नया रायपुर को क्रियान्वयन एजेंसी के रूप में सौंपी गई है। निर्माण पूर्ण होने के पश्चात् इन छात्रावासों से दुर्गम वनांचल एवं आदिवासी अंचलों से आने वाले विद्यार्थियों को सुरक्षित, सुव्यवस्थित एवं अनुकूल आवासीय सुविधा उपलब्ध होगी। विशेष रूप से बालिकाओं को आवागमन की कठिनाइयों और सुरक्षा संबंधी चुनौतियों से मुक्ति मिलेगी, जिससे उनके विद्यालय छोड़ने की दर में कमी आएगी। कलेक्टर श्री अबिनाश मिश्रा ने कहा कि “सरकार की यह पहल सामाजिक समावेशन और शैक्षिक समानता की दिशा में मील का पत्थर है। सुरक्षित आवास मिलने से आदिवासी एवं दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यार्थियों, विशेषकर बालिकाओं, को निरंतर शिक्षा का अवसर मिलेगा और वे आत्मविश्वास के साथ अपने सपनों को साकार कर सकेंगी। जिला प्रशासन इन परियोजनाओं के समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है| निस्संदेह, इन छात्रावासों के निर्माण से न केवल शैक्षणिक निरंतरता बढ़ेगी, बल्कि आदिवासी समाज में शिक्षा के प्रति विश्वास सुदृढ़ होगा। यह पहल धमतरी जिले को समावेशी एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लक्ष्य की ओर एक मजबूत कदम आगे बढ़ाती है और शासन की दूरदर्शी नीतियों की सफल अभिव्यक्ति बनकर उभर रही है।






