धन का कभी अहम ना करे, दुखियों पर सदा रहम करे -डॉ श्री बिंदुप्रभा जी म.सा.

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धमतरी | श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन संघ धमतरी के तत्वावधान में सिहावा चौक स्थित  जैन स्थानक भवन में चातुर्मासार्थ विराजित महासती डॉ श्री बिंदुप्रभा जी म.सा. बुधवार को धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अविश्वास के भावों से संबंध बिगड़ जाते है। हम परस्पर में अविश्वास ना करें। साध्वी बिन्दुप्रभा ने कहा कि धन का कभी अहम ना करे। प्रेम में कभी वहम न करे। दुखियों पर सदा रहम करो। रिश्तो में कभी भ्रम मत करो। रोग का कभी शर्म ना करो। आत्म सुखी बने इस हेतु सद्कर्म करो।  साध्वी ने कहा कि उक्त 6 बाते जीवन में धारण करें सफलता का मूल मंत्र विश्वास है और विश्वास का मूल आधार प्रमाणिकता है। रिश्तों में प्रमाणिकता होना जरूरी है। प्रमाणिकता के अभाव में न व्यापार चलता है न संसार चलता है, न रिश्ते निभते हैं और न संबंधो में आत्मीयता आ पाती है। विश्वास को टूटने नहीं देना चाहिए विश्वास स्टीकर जैसा है। एक बार जाये तो दोबारा  पहले जैसा  नहीं रहता। विश्वास हर पल अंदर रहना चाहिए! विश्वास दिल में होता है। तन में जो स्थान श्वास का है जीवन में वहीं स्थान विश्वास का है।

तन में श्वास हो तब तन टीकता है। वैसे ही संबंधो में विश्वास हो तो संबंध निभते है। प्रवचन में आज श्रावक 12 व्रतो पर प्रकाश डाला गया। पांच अनुव्रत पांच गुणव्रत और चार शिक्षा व्रत होते है। श्रावक व श्राविका साधु-साध्वी माता-पिता के तुल्य होते है जो उन्हे साता पहुंचाते है। श्रावक अर्थ मर्यादा पूर्वक श्रवण करना व विवेक पूर्वक, क्रिया करना होता है। चातुर्मास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष अविनाश चौरड़िया ने बताया कि आज 15 वें वर्षीतप की आराधिका सेलम निवासी श्रीमती लीलाजी बोकड़िया धर्मपत्नी नवरत्नमलजी बोकड़िया का स्वागत भी संघ द्वारा किया गया। श्रीमती  डाली राजेश संचेती ने अठाई तप के प्रत्याख्यान महासतीवृंद द्वारा ग्रहण किये।आगंतुक मेहमानों का श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन संघ द्वारा साफा, शाल, माला और स्मृति चिन्ह द्वारा स्वागत किया गया। चातुर्मास व्यवस्था समिति के सचिव दिनेश लोढ़ा ने बताया कि आगामी 8 अगस्त को जयगच्छीय ग्यारवें पट्टधर आचार्य सम्राट शुभचंद्रजी म. सा का 84 वां जन्मोत्सव एकासन दिवस के रुप में मनाया जायेगा। रेंवतमल नाहर, नवरत्नमल बोकड़िया, गौत्तमचंद कोठारी, देवराज बोहरा, कनकराज चौरड़िया, उगमराज कोठारी, चांदमल भंडारी, निर्मलचंद चौपड़ा आदि अनेक श्रद्धालुगण उपस्थित थे। आज की धर्मसभा में बैंगलोर, सेलम, ब्यावर, जोधपुर, दुर्ग, राजिम, फिंगेश्वर आदि अनेक क्षेत्रों से श्रावक-श्राविकाओं का आगमन हुआ। वंदना चौरड़िया ने मंच संचालन किया।

जयसंघीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी गुरुणी दर्शनार्थ धमतरी पधारे

श्री अखिल भारतीय श्वेताम्बर स्थानकवासी जयमल जैन श्रावक संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी गुरु गुरुणी के दर्शन वंदन के लिए सम्पूर्ण भारत में जय संघीय गुरु भगवंतों के जहाँ जहाँ चातुर्मास है वहाँ पधार रह रहे हैं। सम्पूर्ण टीम रायपुरम चेन्नई, पीपाड़, अहमदाबाद, इंदौर होते हुए बुधवार को धमतरी छत्तीसगढ़ पधारे। जहाँ पर चातुर्मासार्थ विराजित जयगच्छीय साध्वी डॉ बिन्दुप्रभाजी और हेमप्रभाजी के दर्शन वंदन और सुखसाता पृच्छा हेतु पधारे। यहाँ से कार्यकारिणी जलगाँव में चातुर्मासार्थ विराजित जयगच्छीय आचार्य प्रवर श्री पार्श्वचंद्रजी म.सा के दर्शनार्थ पधारेंगे।