धमतरी | विप्र विद्वत परिषद ने बताया कि देव पंचाग के अनुसार 25 नवम्बर बुधवार को देव उठनी एकादशी एंव तुलसी विवाह का पर्व मनाया जायेगा | इस दिन से विवाह कार्यक्रम प्रारंभ होता है| पौराणिक कथानुसार एक बार भगवान विष्णु द्वारा छल से वृंदा का सतीत्व भंग कर दिया जिससे क्रोधित होकर भगवान विष्णु को श्राप दे दिया जिससे विष्णु काला पत्थर हो गया |इस घटना की जानकारी माता लक्ष्मी को हुई तब उसने वृंदा के पास जाकर उसे सूखी लकड़ी हो जाने का श्राप दिया तत्तपश्चात विष्णु अपने असली रुप मे आ गये फिर विष्णु लोक कल्याण की बात को स्पष्ट किया |
सती नारी वृंदा को पुनः जीवित कर मोक्ष प्रदान प्रदान किया साथ ही अगले जन्म में पत्नी के रुप स्वीकार करने का वरदान दिया | स्वयं सालिक ग्राम के रुप में छोटे से काला गोल पत्थर की आकृति में प्रत्येक घर के तुलसी चौरा में विराजमान होने का वचन दिया | वृंदा को तुलसी के रुप में सदैव हरा भरा होने तथा सालिकग्राम के रुप में सदा साथ निभाने का भी वरदान दिया |इस पौराणिक गाथाओ को याद करके पूरे विधि विधान से घरो के आँगन में स्थित तुलसी चौरा में देव उठनी एकादशी को गन्ने का मंडप सजा व पूजा अर्चना कर मनवाछिंत फल की कामना करते है | देव उठनी एकादशी के दिन से विवाह एंव अन्य शुभ कार्य प्रारंभ होता है | 30 नवम्बर को कार्तिक पूर्णिमा एंव देव दिवाली गुरुनानक देव की जयंती मनाई जाएगी| कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीप दान जरुर करना चाहिऐ | इस दिन के दीपक को देवता स्वीकार करते है साथ ही उसी दिन जलमाता ग़ंगा मैया नदी, तालाब में जाकर दीपदान जरुर करना चाहि साथ ही अपने घरो में भी 21 या 51 दीपक जलाना चाहिऐ जो पुन्यमयी होता है| यह पाप से मुक्ति प्रदान करता है| विप्र विद्वत परिषद धमतरी ने अपील की है कि उपरोक्त तिथियो को पर्व मनाया जायेगा | किसी भी प्रकार से भ्रमित न हो| यह जानकारी परिषद के मिडिया प्रभारी पंडित राजकुमार तिवारी ने दी