
धमतरी | प्रदेश में बिजली दरो की वृद्धि को लेकर कांग्रेस मुखर हो गई है और सभी ब्लॉकों से लेकर जिला स्तर मे विरोध प्रदर्शन करने जा रही है. इस बड़ी हुई बिजली घर पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जिला अध्यक्ष शरद लोहाना, विधायक ओंकार साहू, अंबिका मरकाम, पूर्व विधायक गुरमुख सिंह होरा, पूर्व विधायक लक्ष्मी ध्रुव, पूर्व विधायक लेखराम साहू, पूर्व विधायक हर्षद मेहता, पूर्व विधायक अशोक सोम, पूर्व जिला अध्यक्ष मोहन लालवानी, पूर्व महापौर विजय देवांगन, प्रदेश संयुक्त महामंत्री पंकज महावर, प्रदेश सचिव तारिणी चंद्राकर, पूर्व दुग्ध महासंघ अध्यक्ष विपिन साहू, पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष नीशू चंद्राकर, पूर्व पीसीसी सचिव आनंद पवार, जिला पंचायत सदस्य कविता बाबर, नीलम चंद्राकर, वरिष्ठ नेता प्रभातराव मेघावाले, ब्लॉक अध्यक्ष आकाश गोलछा, योगेश शर्मा, घनश्याम साहू, कैलाश प्रजापति, डीहूराम साहू, आशीष शर्मा, राजू साहू, भूषण साहू, अखिलेश दुबे, तपन चंद्राकर, युका जिला अध्यक्ष नरेन्द्र सोनवानी, एनएसयूआई अध्यक्ष राजा देवांगन, सेवादल जिला अध्यक्ष होरीलाल साहू ने कहा क़ी बिजली उपभोक्ताओं को एक बार फिर लूटने का काम भाजपा सरकार ने किया है। घरेलू खपत पर 10 से 20 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है, गैर घरेलू बिजली की दर 25 पैसे प्रति यूनिट महंगी कर दी गई है। सर्वाधिक बढ़ोतरी कृषि पंप के बिजली के दाम में 50 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि करके की गई है। छत्तीसगढ़ के किसान इस सरकार की दुर्भावना और उपेक्षा के चलते पहले ही खाद, बीज और बिजली कटौती से परेशान हैं, अब कृषि पंप में बिजली की दर बढाकर किसानों की कमर तोड़ रही है भाजपा सरकार
इतिहास गवाह है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकारों में जनता को लूटने के तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जाते हैं। 2003 से 2018 तक भाजपा की पूर्ववर्ती रमन सरकार ने हर साल बिजली के दामों में वृद्धि की। 2003 में छत्तीसगढ़ में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 3 रुपए 30 पैसे के दर पर बिजली मिला करती थी, जिसे 15 साल के कुशासन के बाद रमनसिंह के समय ही 6 रुपए 40 पैसे तक बढ़ाया गया, जिसे चुनाव चुनावी वर्ष 2018 में मात्र 20 पैसे घटकर 6 रुपया 20 पैसे किया गया। पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार में पूरे 5 साल का नेट वृद्धि यदि देखें तो मात्र दो पैसे का था, जो ऐतिहासिक तौर पर सबसे न्यूनतम था। छत्तीसगढ़ में घरेलू बिजली की दर में वृद्धि निम्नानुसार हुई हैं जिसमे 2003 से 04 मे 3.30, 2017 से 18 मे 6.40 (+3.10) इस प्रकार रमन सरकार में कुल वृद्धि 3 रुपए 10 पैसे अर्थात 94 प्रतिशत, 2018 से 19 और 2019 से 20 मे 5.93 (-27), 2020 से 21 मे 5.93 (0), 2021 से 22 मे 6.08 (+15), 2022 से 23 मे 6.22 (+12), 2023 से 24 मे 6.22, कांग्रेस सरकार के 5 साल में कुल वृद्धि मात्र 02 रुपए या 2 पैसे अर्थात केवल 0.32 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हुई) 2023 से 24 मे 6.22 एवं वर्तमान में 7.02 (+.80) (भाजपा की वर्तमान साय सरकार के डेढ़ साल में कुल वृद्धि 80 पैसे अर्थात 13 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हुई हैं) पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने बिजली के घाटे को पाटते हुए बिजली बिल ऑफ योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के 65 लाख से अधिक घरेलू उपभोक्ताओं को लगभग 3240 करोड रुपए के सब्सिडी देकर बहुत बड़ी राहत दी थी। किसानों को 5 एचपी तक निशुल्क बिजली दिया, बीपीएल उपभोक्ताओं को 40 यूनिट तक मुक्त बिजली दी गई। अस्पतालों, उद्योगों को सब्सिडाइज्ड दर पर बिजली देकर राहत पहुंचाया। भाजपा की सरकार आने के बाद प्रदेश भर में बिजली की कटौती शुरू हो गई और कीमत लगातार बढ़ाई जाने लगी है। कोयला हमारा, पानी हमारा, जमीन हमारी और हमें ही महंगे दर पर बिजली बेचा जा रहा है?
भाजपा के नेता, मंत्री, विधायक और अधिकारी एसी का मजा लूट रहे, कई सरकारी विभाग बिजली का बकाया बिल जमा नहीं कर रहें, सरकारी उपक्रमों और सरकार के चहेतों का करोड़ों का बिजली बिल का भुगतान लंबित है, उसकी वसूली भी जनता से करने का कार्य कर रही है सरकार सत्ता के संरक्षण में बिजली चोरी और लाइन लॉस के मामले बढ़े हैं, जिसके चलते हो रहे नुकसान की भरपाई भी जनता से वसूली करके करना चाहती है यह सरकार केंद्र की मोदी सरकार के गलत नीतियों के चलते हैं बिजली का उत्पादन लागत बढ़ा है, कोयले पर ग्रीन टैक्स चार गुना अधिक बढ़ा दिए, रेलवे का माल भाड़ा अधिक वसूल रहे हैं, थर्मल पॉवरप्लांट को अडानी की कंपनी से महंगे दर पर कोयला खरीदने बाध्य किया जा रहा है, डीजल पर सेंट्रल एक्साइज बढ़ाए जाने से परिवहन में और फायर के लिए उपयोग होने वाले डीजल की लागत बढ़ी है जिसकी भरपाई भी उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ाकर किया जा रहा है। प्रदेश भर से अनाप-शनाप बिजली बिल आने की शिकायत लगातार आ रही है, स्मार्ट मीटर के नाम पर अधिक बिल उपभोक्ताओं को भेजा जा रहा है, अब तो जनता को लूटने के लिए अडानी की कंपनी का प्रीपेड मीटर भी लगाने की तैयारी है | भाजपा सरकार पूरे समय बिजली नहीं दे पा रही है, अघोषित कटौती रोज-रोज जारी है, ऊपर से सरकार ने बिजली के दामों में एक बार फिर बढ़ोतरी करके जनता की जेब में डकैती डाला है। कांग्रेस पार्टी भाजपा सरकार के ऐसे अन्यायपूर्ण फैसले का विरोध करती है, सरकार के इस जनविरोधी निर्णय के खिलाफ कांग्रेस जिले के सभी ब्लॉक मुख्यालय में प्रदर्शन करेगी ।