
संबंधों में केवट की तरह निश्चल होने पर प्राप्त करता है प्रगाढ़ता -:पं.उमाशंकर
धमतरी | मानव जीवन को धन्य करने के लिए सद्गति एवं मुख्य प्राप्त करने का एक ही मार्ग है ईश्वर की भक्ति उसे निष्काम साधना से ही प्राप्त किया जा सकता है उक्त बातें बाल कला मंदिर आमापारा द्वारा आयोजित राम कथा में व्यास पीठ से पंडित उमाशंकर शुक्ल द्वारा राम वन गमन केवट प्रसंग तथा भगवान का भक्ति से मिलन की कथा मैं मैं भगवान राम को केवट द्वारा नदी पार कराने तथा केवट का भगवान के प्रति निश्चल भाव को दर्शाते हुए बताया गया कि संबंधों में पवित्रता वह प्रमाणित तभी आ सकती है जब हम उसके प्रति ईमानदार रहे हैं। आगे शबरी प्रभु श्री राम के वार्तालाप को सुनाते हुए कही गई
उन्होंने आगे बताया कि भक्ति के मार्ग की सबसे बड़ी बाधा छल, प्रपंच, झूठ, धोखा है जिससे दूर रहकर ही हम माता शबरी की तरह भक्ति में लीन रहते हुए भगवान राम को प्राप्त कर सकते हैं, आगे व्यासपीठ वर्तमान समय में शक्ति के स्रोत भगवान हनुमान जी की जीवन गाथा को बताते हुए कहां गया कि आज के समग्र समस्याओं का समाधान हनुमान चालीसा में छुपा हुआ है और वही एकमात्र रामचरितमानस के पात्र है जो भगवान के सबसे करीब रहते हुए प्रत्येक प्रकार के विकृतियों को खत्म करने का माध्यम बने हैं। उक्त अवसर पर पिंकी यादव शरद पटेल गोलू अमित लालू गब्बर नाग छोटू मोहन विकास रोहन उमा सरिता उपस्थितजनों में शामिल रहे। रामकथा में अपने जनप्रतिनिधि विजय को झूमते नाचते देखकर भाव विभोर हुई उपस्थित श्रोता एवं भक्तगण सोमवार को कथा स्थल पर व्यास पीठ से आशीर्वाद लेते हुए शाँल श्रीफल से सम्मान कर पंडित उमाशंकर शुक्ला का स्वागत करने के लिए नगर निगम के पूर्व सभापति राजेंद्र शर्मा,वार्ड के जनप्रतिनिधि विजय मोटवानी, कुलेश सोनी, पिन्टू यादव पहुंचे थे जहां पर कथा के दरमियान जब सुमधुर भजनों की श्रृंखला प्रारंभ हुई तो आमापारा वार्ड में पार्षद के रूप में अपनी माहिती सेवा देने वाले विजय मोटवानी अपने को नहीं रोक पाए और वहां उपस्थित श्रोता तथा भक्तों के साथ स्वयं पूरे भक्ति भाव के साथ नाचने झुमने लगे तो सभी अपने जनप्रतिनिधि के सहज, सरल उपलब्धता तथा मिलनसारिता से भाव विभोर होकर सभी कायल हो गए।