गोबर खरीदी एवं वर्मी खाद की बिक्री में तेजी लाने समूहों को सक्रिय करने भरसक प्रयास करें अधिकारी गोधन न्याय योजना की बैठक लेकर कलेक्टर ने दिए निर्देश

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धमतरी | छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना के जिला स्तर पर समुचित क्रियान्वयन के लिए कलेक्टर  पी.एस. एल्मा ने  सुबह कृषि एवं संबद्ध विभागों के अधिकारियों की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने गौठानवार समीक्षा करते हुए जिले के सभी सक्रिय गौठानों में गोबर की खरीदी तथा उससे निर्मित जैविक खाद की प्रतिदिन बिक्री अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करने के निर्देश उप संचालक कृषि को दिए। साथ ही यह भी कहा कि जिन गौठानों के समूह सक्रिय नहीं हैं, उनके सदस्यों की बैठक लेकर गोबर खरीदी के लिए नियमित रूप से खरीदी कराने तथा पोर्टल में प्रतिदिन एंट्री करें।
आज सुबह 9.30 बजे से कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक में कलेक्टर ने विकासखण्डवार सक्रिय गौठानों की समीक्षा करते हुए खरीदे गए गोबर से उचित अनुपात में वर्मी खाद तैयार करने और उसके विक्रय के लिए संबद्ध विभागों से समन्वय स्थापित कर कार्ययोजना तैयार करने के लिए उप संचालक कृषि को निर्देशित किया। साथ ही यह भी कहा कि पूर्व में दिए गए निर्देशों के बावजूद कुछ गौठानों में गोबर के ढेर देखे जा रहे हैं, यह सर्वथा अनुचित है। उन्होंने संग्रहित गोबर को जल्द से जल्द वर्मी खाद निर्माण के लिए छनाई व टांके में निष्पादित करने के निर्देश दिए। इसके अलावा कलेक्टर ने सभी सक्रिय गौठानों में सहयोगी विभागों के समन्वय से आजीविकामूलक कार्यों को मूर्तरूप देने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया।

कलेक्टर ने गौठानों में ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) विकसित करने के लिए आवश्यक तैयारियां पूर्ण करने के लिए गौठानवार नोडल अधिकारी नियुक्त करने के भी निर्देश जिला पंचायत की सी.ई.ओ. को दिए। उन्होंने रीपा वाले गौठानों में बारदाना तथा वर्मी खाद की बोरी तैयार करने के लिए भी निर्देशित किया। बैठक में जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती प्रियंका महोबिया ने गौठानों में कन्वर्जन की दर बढ़ाने जियो टैगिंग हो चुके सभी गौठानों में गोबर खरीदी के अलावा अन्य आयमूलक गतिविधियां शुरू करने, स्वावलम्बी गौठानों में आर्थिक गतिविधियों का संचालन करने तथा आगामी रबी सीजन में उतेरा फसलों को बढ़ावा देने के लिए बीज वितरण हेतु कार्ययोजना तैयार करने के लिए उप संचालक कृषि को निर्देशित किया।
बैठक में उप संचालक कृषि ने बताया कि वर्तमान में जिले में 337 सक्रिय गौठान हैं जिनमें 329 ग्रामीण क्षेत्रों में और 08 शहरी क्षेत्रों में स्थित हैं। इनमें 46 आवर्ती चराई वाले गौठान भी शामिल हैं जहां पर 13 हजार 710 पंजीकृत पशुपालकों में से 12 हजार 63 सक्रिय पशुपालकों के द्वारा अब तक 4 लाख 16 हजार 434 क्विंटल गोबर खरीदा गया है तथा इससे 75 हजार 42 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट तैयार कर 61 हजार 27 क्विंटल बेचा जा चुका है, जबकि 01 लाख 40 हजार 15 क्विंटल खाद गौठानों में शेष है। इस दौरान अपर संचालक चंद्रकांत कौशिक, सभी विकासखण्ड के नोडल अधिकारी सहित उद्यानिकी, मछलीपालन और पशुपालन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।