गुपचुप ठेले से आत्मनिर्भरता तक: पीलेश्वर साहू की सफलता की कहानी

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धमतरी | छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के नगरी क्षेत्र में रहने वाले पीलेश्वर साहू ने गुपचुप और चाट के छोटे ठेले से अपने आत्मनिर्भरता के सफर की शुरुआत की। पहले उनकी दैनिक आय केवल ₹200-₹300 तक सीमित थी, जिससे परिवार का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा था। लॉकडाउन के दौरान उनकी दुकान बंद हो गई, और आर्थिक स्थिति बदतर हो गई।

प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना उनके लिए जीवन बदलने वाली साबित हुई। योजना के तहत पहले चरण में मिले ₹10,000 के ऋण का उपयोग उन्होंने अपनी दुकान के लिए सामग्री खरीदने, साफ-सफाई, और ग्राहकों के लिए बेहतर सुविधाएं देने में किया। पहले ऋण को समय पर चुकाने के बाद उन्होंने ₹20,000 का दूसरा ऋण लिया और अपनी दुकान में चाट और गुपचुप की वेरायटी बढ़ाई। उनकी दैनिक आय ₹1,000-₹1,500 तक पहुंच गई है। उनकी दुकान पर ग्राहकों की संख्या बढ़ रही है, खासकर शाम के समय। उनकी मेहनत और योजना के लाभ से न केवल उनका परिवार आत्मनिर्भर हुआ, बल्कि उन्होंने समाज में एक प्रेरणादायक छोटे व्यापारी के रूप में पहचान बनाई। पीलेश्वर साहू कहते हैं, “स्वनिधि योजना ने मेरी दुकान को नया जीवन दिया। मैं अन्य व्यापारियों से इस योजना का लाभ उठाने की अपील करता हूं।” उनकी यह कहानी संघर्ष, मेहनत, और सरकारी सहायता से आत्मनिर्भरता की मिसाल बन गई है।