गणपति बप्पा को दी विदाई,11 दिनों तक चलने वाले गणेश उत्सव का समापन

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धमतरी | 11 दिनों तक चलने वाले गणेश उत्सव का मंगलवार को समापन हो गया| हवन पूजन के बाद पूरे श्रद्धा भाव के साथ गणेश जी को विदाई दी गई | प्रतिमा विसर्जन का  कार्यक्रम पूरी सादगी के साथ हुआ | कोरोना संकट को देखते हुए और शासन के नियमो  का  पालन करते हुए इस दौरान किसी को न रंग गुलाल उड़ाते और न ही  डीजे  की  धुन पर  युवाओ को थिरकते देखा गया | गणपति बप्पा को विदाई देते हुए भक्तों  की आंखे  छलक आई | उल्लेखनीय है कि कोरोना संकट के बीच गणेश उत्सव पर्व की धूम रही | भक्तो ने पूरी श्रद्धा भक्ति के साथ पूरे ग्यारह दिनों तक भगवान गणेश की पूजा अर्चना की | प्रतिदिन सुबह शाम पूजा कर अपने परिवार की सुख शांति के लिये भगवान से आशीर्वाद माँगा | 11 दिनों  के  बाद आज  पंडितों  द्वारा हवन पूजन संपन्न किये जाने के बाद गणपति जी को विदाई दी गई |

गणेश विसर्जन का सिलसिला कल शाम से ही शुरू हो गया था |आज हवन पूजन के बाद गणेश जी को विदाई दी गई|  पंडितों के अनुसार  गणेश उत्सव के  बाद  पितृ पक्ष  का शुभारंभ हो जाता  है |  श्रद्धालुओं ने पूरी श्रद्धा भक्ति के साथ गणेश जी की पूजा अर्चना की और अपने परिवार की सुख शांति समृद्धि  की कामना की |  कोरोना संकट को देखते हुए इस साल गणेश उत्सव का पर्व सादगी पूर्ण ढंग से मनाया गया | घरों के अलावा शहर के 40 वार्डों में पंडाल सजाकर भगवान गणेश की पूजा अर्चना की गई | पर्व पर श्रद्धालुओं में आस्था की झलक देखने को मिली | श्रद्धालु योगेश, संजय , लोकेश कुमार , ओमकार  साहू ने बताया कि गणेश जी की सच्चे मन से सेवा और पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है| गणेश जी बुद्धि के दाता हैं| गणेश जी बहुत जल्द प्रसन्न होने वाले देवता माने जाते हैं. गणेश जी को प्रथम देव का स्थान प्राप्त है| इसलिए किसी भी कार्य को आरंभ करने से पूर्व सर्वप्रथम गणेश जी का स्मरण किया जाता है| इससे शुभ कार्य में आने वाले विघ्न दूर हो जाते हैं| शासन की गाइडलाइन का पालन करते हुए श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की| कोरोना के इस दौर में इस बार गणेश समिति की ओर से  झांकी का प्रदर्शन नहीं किया गया और ना ही सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ | प्रतिमा विसर्जन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया |

कोरोना संकट को देखते हुए प्रशासन ने प्रतिमा विसर्जन के दौरान रंग गुलाल, डीजे साउंड बजाने पर प्रतिबंध लगा दिया था साथ ही विसर्जन में 10 व्यक्तियों को जाने की ही अनुमति मिली थी | इस कारण प्रतिमा विसर्जन सादगी पूर्ण ढंग से संपन्न हुआ|