धमतरी| केंद्र की मोदी सरकार द्वारा संसद में पास किये गए नए कृषि बिल का कांग्रेस ने तीखा विरोध किया है | कांग्रेस का कहना है कि यह बिल किसानो को गुलामी की ओर ले जायेगा | कांग्रेस जिलाध्यक्ष शरद लोहाना, वरिष्ठ कांग्रेस नेता पंकज महावर, पूर्व जिला अध्यक्ष मोहन लालवानी, महापौर विजय देवांगन, जिलापंचायत उपाध्यक्ष नीशू चंद्राकर ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा किसानों के लिए दो कृषि विधेयक लाया गया है जिन्हें ध्वनि मत से पास भी करा लिया गया है| यह विधेयक किसी भी प्रकार से किसानों के हित में नहीं है| इन विधेयक के प्रावधानों से स्पष्ट है कि इससे किसानों की कमर टूट जाएगी ।कृषि बर्बाद हो जाएंगे |भारत कृषि प्रधान देश है|यहां की 70% आबादी कृषि पर निर्भर है | कृषि उपज मंडी जैसी व्यवस्था को समाप्त कर खुले बाजार के नाम पर प्रावधान कर सिर्फ पूंजीपतियों के हवाले करने का एक षड्यंत्र है | सरकार को यह बात जाननी चाहिए कि लगभग 80% किसानों के पास 2 से 3 एकड़ जमीन है| इन किसानों के पास यह क्षमता नहीं कि वह अपने उत्पाद को बड़े बाजार में बेच सके सके। वर्तमान में जब कृषि उपज मंडी व्यवस्था है वहां स्थानीय व्यापारियों के बीच प्रतिस्पर्धा के चलते किसानों को लगभग उचित बाजार मिल जाता है लेकिन स्थानीय बाजार, मंडी समाप्त होने से छोटे एवं गरीब किसान दूर हो जाएंगे और निश्चित रूप से सिर्फ उनका शोषण होगा |दूसरी बात इसमें अनाज को आवश्यक वस्तु अधिनियम से भी बाहर रखा जा रहा है | इससे बड़े पूंजीपति असीमित रूप से इनका भंडारण करेंगे | किसान से सस्ते दामों पर माल खरीद लिए जाएंगे | जमाखोरी करने के बाद उपभोक्ताओं के पास इनकी आपूर्ति की कमी बताकर एक प्रकार से अनाप-शनाप रेट में बेचेंगे |इससे न केवल किसान का शोषण होगा बल्कि उपभोक्ताओं को भी महंगा अनाज मिलेगा। पूंजीपतियों के द्वारा कांट्रैक्ट फार्मिंग के नाम से उनके शर्तों पर खेती कर पायेंगे । अत्यधिक उत्पादन के लिए बेतहाशा रासायनिक खाद ,कीटनाशकों का उपयोग करने से जमीन की भी सेहत बिगड़ जाएगी |