कलम को ठीक से पकड़ न पा सकने वाले विशेष बच्चों ने एक पूरी कविता लिख डाली

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धमतरी | मानसिक दिव्यांग प्रशिक्षण केंद्र सार्थक स्कूल में हिंदी दिवस मनाया गया। सार्थक के विशेष बच्चे मनीषा, श्वेता ,प्रीति ,देवश्री, मोनिका, विनीत, मनीष, लीकेश, यज्ञदत्त ने “हम सबकी प्यारी, लगती सबसे न्यारी कश्मीर से कन्याकुमारी राष्ट्रभाषा हमारी।” कविता को सुलेख लेखन कर अपनी अपनी प्रतिभा दिखाई।
सार्थक अध्यक्ष डॉ. सरिता दोशी ने बताया कि वर्षों से इन बच्चों को पढ़ने और लेखन का अभ्यास कराया जा रहा है। इन विशेष बच्चों की बुद्धिलब्धि कम है ,और हाथों में सही ग्रिप ना होने की वजह से पेंसिल पकड़ने में दिक्कत होती है। इतनी समस्या के बावजूद इन विशेष बच्चों ने हिंदी कविता को सुलेख के रूप में लिख कर हम सबको सुखद हैरत में डाल दिया है ।यही कारण है कि , हिंदी दिवस पर भी बच्चों की सक्रिय सहभागिता दिखाई दे रही हैं।

ये सब बच्चे प्रथम और द्वितीय नहीं है। सभी बच्चे विशेष प्रतिभा के धनी हैं। बच्चों को नियमित लेखन का अभ्यास कराने में वरिष्ठ प्रशिक्षक मैथिली गोड़े, एवं गीतांजलि गुप्ता, मुकेश चौधरी, स्वीटी सोनी, देविका दीवान ने कड़ी मेहनत की है। मैथिली गोड़े ने सुलेख लिखने वाले बच्चों को बधाई देकर हौसला अफ़ज़ाई की।