धमतरी | कोरोना महामारी और लाकडाउन के चलते न्यायालय पिछले सात माह से बंद है| ऐसे में अधिवक्ताओं को आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है | प्रदेश के अधिवक्ताओं को आर्थिक मदद देने की मांग छत्तीसगढ़ बार कौंसिल ने की है।अधिवक्ताओं की परेशानी को देखते हुए छत्तीसगढ़ बार कौंसिल ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और विधि मंत्री मोहम्मद अकबर को पत्र लिखा है। जिसमें अधिवक्ताओं को राहत देने की मांग की है | अधिवक्ता संघ कुरुद के सचिव हेमन्त सिन्हा ने कहा कि कोरोना संक्रमण की वजह से न्यायालय व्यवस्था चरमरा गई है। पिछले सात माह से न्यायालय बंद है और अधिवक्ताओं का कार्य प्रभावित है। इससे उनके सामने जीवनयापन की चुनौती खड़ी हो गई है| जूनियर अधिवक्ताओं के लिए यह विकट समस्या है तथा पीड़ित पक्षकार भी काफी परेशान हैं। न्यायालय कार्य बंद होने से अधिवक्ताओं को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है| वर्तमान में जमानत, सुपुर्दनामा, रिमांड जैसे मामले ही निबटाये जा रहे है | श्री सिन्हा ने आँध्रप्रदेश की तर्ज पर पंजीकृत अधिवक्ताओं को 15 हजार रुपये प्रति माह के हिसाब से आर्थिक मदद देने की मांग सरकार से लगाई है । उन्होंने मगरलोड तहसील में उपपंजीयक शाखा खोलने की मांग के साथ-साथ सिविल कोर्ट, SDM लिंक कोर्ट, बैंकों में चालान जमा करने की सुविधा व एटीएम की शाखा खोलने की मांग की है | उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ बार कौंसिल ने अधिवक्ताओं को हो रही परेशानी से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और विधि मंत्री मोहम्मद अकबर को अवगत कराया है | लेकिन अभी तक कोई राहत नहीं मिली है |