आज की बेटी कल की भारत निर्मात्री

243

धमतरी | यशस्वी प्रधानमंत्री भाई नरेंद्र मोदी जी की ड्रीम प्रोजेक्ट बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ धमतरी इकाई के अंतर्गत आज सरस्वती शिशु मंदिर आमा तलाब में 12वीं में परीक्षा दे रही छात्राओं का तिलक वंदन आरती कर मिठाई खिलाकर एवं पेन उपहार स्वरूप भेंट कर उन्हें उनके उज्जवल भविष्य की मंगल कामना करते हुए शुभकामनाएं दी गई।
इस अवसर पर जिला महामंत्री कविंद्र जैन जिला उपाध्यक्ष एवं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की सह संयोजक श्यामा नरेश साहू बेटी बचाओ की जिला संयोजक डॉ बिथिका बिश्वास सह संयोजक धनीराम सोनकर चंद्रकला पटेल गायत्री सोनी सीमा चौबे रितिका यादव रुखमणी सोनकर नील पटेल नरेश साहू की गरिमामय उपस्थिति रही।

21वी सदी महिला सशक्तिकरण की सदी है आज हम देख रहे हैं जब से नरेंद्र भाई मोदी देश की बागडोर संभाले हैं तब से महिलाओं की उन्नति की ओर उन्होंने सतत प्रयास रत है । डिफेंस मिनिस्ट्री कि अगर हम बात करते हैं तो निर्मला सीतारमण जी इस पद को भलीभांति सुशोभित करते हुए अपनी जवाबदारी निभाई है। अपने अदम्य वीरता का परिचय देते हुए आज हमारी बालिकाएं सेना में उच्च पदों पर आसीन हो रही है आज समुद्र की गहराइयों को नापते हुए युद्धपोत पनडुब्बी चला रही है, राफेल जैसे अत्याधुनिक फाइटर प्लेन भी हमारी आज की बेटियां उड़ा रही है। कंपटीशन एग्जाम में भी हम देख रहे हैं कि बेटियां ही हर साल टॉपर हो रही है।
आज जरूरत है तो सिर्फ बेटियों को थोड़ा सा हौसला देने की और उनके अंदर छिपे हुनर को निखारने की इसके लिए नरेंद्र भाई मोदी जी सतत प्रयासरत हैं ,और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के माध्यम से ऐसी होनहार बेटियों का सम्मान करना उन्हें प्रोत्साहित करना यह हमारा कर्तव्य है। आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में कौशल उन्नयन के माध्यम से बेटियों को विभिन्न प्रकार की प्रशिक्षण के द्वारा उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है एवं उन्हें आर्थिक रूप से भी मदद दी जा रही है ताकि आज की हमारी होनहार बिटिया शिक्षा सिर्फ नौकरी पाने के लिए नहीं बल्कि उनके द्वारा और 10 लोगों को नौकरी दी जा सके ऐसी व्यवस्था आज की मोदी सरकार के द्वारा की जा रही है। बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाना हमारा उद्देश्य है ताकि घर और बाहर दोनों जवाबदारीयो को बेटियां निभा सके।
भारत की पुरातन इतिहास को अगर हम देखें तो नारी शक्ति ऋग्वेद काल से बौद्धिकता में निपुण थी गार्गी मैत्री इन विभूतियों के समक्ष तो बड़े-बड़े पंडित भी हार माने थे। भारत को स्वतंत्र कराने की अगर हम बात करें तो रानी लक्ष्मी बाई दुर्गावती जीजाबाई लक्ष्मी सहगल ऐसी अनेक वीरांगनाएं हैं जिनका उदाहरण हमें आज भी प्रेरणा देती है।
सुषमा स्वराज जैसी विभूति ना सिर्फ प्रचंड विद्वान बल्कि विदेश नीति के मामले मे पूर्णता दक्ष। आज की हमारी बेटी कल की स्वर्णिम भारत की रचयिता बने इसी उद्देश्य को लेकर हम सब उन्हें शुभकामनाएं प्रेषित की।