अपने भीतर देवत्व के उदय औऱ दानवत्व के अस्त की शक्ति जागृत करने का पर्व नवरात्र:आनंद पवार

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चैत्र में शक्ति पूजा से अपने भीतर का राम जन्म लेता है
औऱ क्वांर में शक्ति पूजा से अंदर का रावण मरता है:आनंद पवार
धमतरी | भगवान विष्णु औऱ देवाधिदेव महादेव इस सृष्टि में जो भी सृजन या संहार करते हैं, उसका एक निश्चित उद्देश्य एवं सोची समझी दूरगामी निर्णय का परिणाम हमे देखनें औऱ सीखने को मिलता है।
सनातन धर्म के नए वर्ष के प्रथम दिन गुड़ी पड़वा से प्रारम्भ होने वाले शक्ति पूजा में माता की अर्चना आराधना एवं साधना के पश्चात प्रभु श्री राम का जन्म अर्थात देवत्व का उदय होता है,, वैसे ही क्वांर नवरात्र की शक्ति पूजा के बाद उन्ही श्री राम नें माता से शक्ति प्राप्त कर रावण का अंत किया।

कुल मिलाकर देखा जाए तो प्रभु अपनी संतानों को यही संदेश देना चाहते हैं, कि शक्ति पूजा के माध्यम से अपनी सोए हुवे दैवीय गुणों को जागृत कर उसे प्रबुध्द परिचालित करें एवं अपने शुभ औऱ मंगल कार्य मे बाधक आसुरी वृत्तियों का नाश करें।
कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी श्री अरुण गुप्ता जी, विशिष्ट अतिथि के रूप में जगजीवन सिद्धू जी, ग्राम पटेल ईश्वर सिन्हा जी, शिक्षक श्री पारसनाथ सिन्हा जी,संतोष यादव जी, ग्राम के उपसरपंच श्री तोमेश सिन्हा जी,एवं ग्राम के युवा कमलेश,भीखम, राकेश, गेवेंद्र उपस्थित थे।