
धमतरी l विश्व दुग्ध दिवस के अवसर पर धमतरी जिले में दुग्ध उत्पादकों और संग्राहकों में उत्साह देखा गया। जिले की विभिन्न दुग्ध सहकारी समितियों में पशु स्वास्थ्य जांच शिविरों और संगोष्ठियों का आयोजन हुआ, जिसमें कम लागत में अधिक दूध उत्पादन के तरीके और सरकारी योजनाओं की जानकारी दी गई।
कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने दुग्ध व्यवसाय से जुड़े सभी पशुपालकों और संग्राहकों को शुभकामनाएं देते हुए जिले को श्वेत क्रांति का भागीदार बनाने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि दुग्ध उत्पादन की अपार संभावनाओं को देखते हुए इसे संगठित रूप से बढ़ावा देने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।
ग्राम बोडरा (संबलपुर) में पशुधन विकास विभाग द्वारा आयोजित शिविर में पशुओं का उपचार, पोषण संबंधी जानकारी और स्वच्छ दूध उत्पादन पर विशेष ध्यान दिया गया। वहीं, सुपेला (कुरूद) में आयोजित शिविर में केसीसी ऋण और पशु स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी दी गई।
68 समितियाँ सक्रिय, 20 नई समितियाँ गठित, 10 हज़ार लीटर प्रतिदिन दुग्ध संग्रहण
जिले में वर्तमान में 68 दुग्ध सहकारी समितियाँ कार्यरत हैं, जिनसे करीब 30,000 दुग्ध उत्पादक जुड़े हैं। पिछले दो माह में 20 नई समितियों का गठन हुआ है जिससे दुग्ध संग्रहण बढ़कर लगभग 10,000 लीटर प्रतिदिन पहुँच गया है। लक्ष्य इसे 15,000 लीटर प्रतिदिन तक पहुँचाने का है।
दुग्ध समितियों को माइक्रो एटीएम सुविधा से जोड़ा गया है जिससे भुगतान की प्रक्रिया आसान और पारदर्शी हो गई है। नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (NDDB) की सहायता से दुग्ध शृंखला को सशक्त किया जा रहा है। जिले के सेमरा बी, भाठागांव और मुजगहन में पहले से चिलिंग प्लांट कार्यरत हैं, जबकि कुरूद क्षेत्र में चौथे प्लांट की स्वीकृति मिल चुकी है। गातापार ग्राम में नव-निर्मित दुग्ध प्रोसेसिंग प्लांट शीघ्र चालू किया जाएगा।
निष्कर्ष:
धमतरी जिले में दुग्ध व्यवसाय को ग्रामीण रोजगार का सशक्त माध्यम बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। इससे ना केवल स्थानीय पशुपालकों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि जिले को दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में राज्य और देश के मानचित्र पर सशक्त पहचान भी मिलेगी।