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मुरुमसिल्ली बांध से पानी छोड़े जाने पर डुबान की 200 हेक्टेयर पर लगी फसल बर्बाद, भाजपा ने की मुआवजे की मांग

धमतरी | जिले के गंगरेल डुबान की 7 पंचायतों के 32 गांवों में रहने वाले गरीब किसान बांध के किनारे काश्तकारी करके अपना जीवन यापन करते हैं। इस वर्ष गंगरेल बांध 100 प्रतिशत भर जाने के कारण किसानों को यह आशंका थी कि यदि गंगरेल बांध में सिंचाई विभाग द्वारा कहीं और का पानी छोड़ा जाता है तो उनकी पूरी तरह पक चुकी फसल बर्बाद हो सकती है। इसी आशंका के चलते वहाँ के किसानों ने कलेक्टर को आवेदन किया था कि कुछ दिन में उनकी फसल की कटाई हो जायेगी तब तक उनके खेतों में पानी न भरे इसकी व्यवस्था कराई जाये। प्रशासन द्वारा उनके आवेदन को गंभीरता से नही लिया गया।

सिंचाई विभाग ने अचानक मुरुमसिल्ली का पानी छोड़ दिया जिससे बैकवाटर का पानी इन गरीब किसानों के खेतों में घुस गया और पूरी तरह पकी हुई फसल बर्बाद हो गयी। वर्षों से उसी स्थान पर खेती करते आ रहे इन गांवों के सैकड़ों किसानों की लगभग 200 हेक्टेयर भूमि पर खड़ी फसल पूरी तरह बर्बाद होने पर उन्हें क्षतिपूर्ति देने की मांग को लेकर भारतीय जनता पार्टी का प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर की अनुपस्थिति में जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती नम्रता गांधी से मिला और ज्ञापन सौंपकर गरीब किसानों को तत्काल मुआवजा दिलाने की मांग की। भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधिमंडल के साथ उरपुट्टी   से बड़ी संख्या में आये प्रभावित किसानों ने भी कलेक्टर के नाम इस आशय का आवेदन दिया। जिलाध्यक्ष ठा. शशि पवार ने छग की भूपेश सरकार तथा जिला प्रशासन को किसानों की इस दुर्दशा के लिये जिम्मेदार ठहराया तथा तत्काल मुआवजा दिये जाने की मांग की। प्रतिनिधिमंडल में भाजपा जिला महामंत्री कविन्द्र जैन, जिला उपाध्यक्ष अरविंदर मुंडी, मंडल अध्यक्ष ऋषभ देवांगन, विजय साहू, हेमंत चंद्राकर, जिला पंचायत सदस्य खूबलाल ध्रुव, कीर्तन मीनपाल, धनीराम सोनकर, नामदेव रॉय सहित प्रमुख भाजपा कार्यकर्ता एवं ग्राम उरपुट्टी के किसान उपस्थित थे।

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