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”मिश्री से मीठी मेरी हिंदी भाषा है ” विशेष बच्चों ने ऑनलाइन सुलेख एवं कविता पाठ का किया वाचन

धमतरी | सर गौरी शंकर श्रीवास्तव सेवा समिति द्वारा संचालित मानसिक दिव्यांग प्रशिक्षण केंद्र सार्थक स्कूल में हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में सार्थक के विशेष बच्चों को ऑनलाइन सुलेख एवं कविता पाठ कराया गया। पोषण ध्रुव ने सुलेख में हिन्दी भाषा को देश की धड़कन बताया। सत्यांशु दीप ने लिखा- मजबूत धागे की तरह जीवन का आधार हिन्दी है  देवश्री सार्वा ने सुलेख में अपनी मातृभाषा के प्रति प्रेम जाहिर करते हुए देश में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा ‘हिंदी” हमारी पहचान है, का संदेश दिया ।

सभी विशेष बच्चो ने हिन्दी के प्रति अपनी भावनाएँ सुलेख लेखन द्वारा प्रकट की। आकाश निर्मलकर ने भारत के (छायाचित्र) नक्शे को सलामी देते हुए कविता के माध्यम से हिंदी भाषा को अपनी पहचान बताया। वत्सला साहू ने ”मिश्री से मीठी मेरी हिंदी भाषा है ” हिंदी मेरी पहचान हिंदी मेरी पहचान और विकास निर्मलकर ने हिंदी है सवोत्तम भाषा, इसे अपनाइए। कविता प्रस्तुत की। सार्थक स्कूल की वरिष्ठ प्रशिक्षिका सुधापुरी गोस्वामी ने बताया कि इन बच्चों को स्कूल में कई वर्षों से पढ़ने और लेखन का अभ्यास कराया जाता रहा है| परिणामस्वरुप  घर पर रहकर उन्होंने लेखन और काव्य पाठ में अपनी उत्साहजनक प्रस्तुति दी। ऑनलाइन कार्यक्रम को सफल बनाने में सार्थक की अध्यक्ष डॉ. सरिता दोशी, सचिव स्नेहा राठौड़, प्रशिक्षिका सुधा पुरी गोस्वामी, मैथिली गोड़े, मुकेश चौधरी, स्वीटी सोनी, देवीका दीवान का सहयोग रहा ।

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