बच्चें बने गिरिराज सेवक, माल्यार्पण कर की गई खूब अनुमोदना

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धमतरी | जहां बच्चे भौतिकता की चकाचौंध में फंसकर वीडियो गेम और घूमने फिरने में समय व्यर्थ करते है, वहा ठीक इससे विपरीत धमतरी से दो नन्हे बच्चे नैतिक नाहर, 12वर्ष पिता नीरज नाहर तथा जैनम बरडिया, 14 वर्ष पिता सुनील बरडिया ने अपने तीर्थ की रक्षा के उद्देश्य से गिरिराज पालिताना जी तथा गिरनार जी की सकुशल यात्रा संपन्न की। बच्चों ने पैदल नंगे पैर बिना खाए -पानी पिए 3800-4000 सीढिय़ों से भरी पहाड़ी वाले लंबे रास्ते का सफर तय किया। इन बच्चों का मुख्य उद्देश्य अपने तीर्थंकर भगवान के दिखाए अहिंसा के मार्ग में चलते हुए अपने तीर्थ की रक्षा का अपने स्तर पर प्रयास करना था, ताकि केंद्र और झारखंड सरकार को उनके भेदभाव से भरे अधार्मिक कृत्य करने से अहिंसात्मक तरीके से रोकना है।

 केंद्र और झारखंड सरकार के जैनियों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले निर्णय को देखते हुए इन बच्चों में भी अपने तीर्थ रक्षा के लिए अपने स्तर पर कुछ करने का भाव प्रबल हुआ , जिसके चलते इन्हे गिरिराज सेवको का साथ मिला जो गिरिराज सेवक विगत 10वर्षो से तीर्थ रक्षा के उद्देश्य से अपनी नि:स्वर्थ सेवा दे रहे है। गिरिराज सेवको का साथ पा कर इन दोनो बच्चो को भी गिरिराज सेवक बनने का सौभाग्य मिला, जिससे  तीर्थ रक्षा की इनकी भावना को भी सिद्धि मिली। साथ ही धर्म के प्रति जुड़ाव और सुसंस्कार का सृजन हुआ। गिरिराज सेवको त्तथा धर्म सज्जनों के द्वारा इन दोनो बच्चो का माल्यार्पण करके खूब-खूब अनुमोदना की गई। इस यात्रा में दो बड़े तीर्थ के साथ ही कई अन्य तीर्थ के दर्शन तथा वहा भी पूजा पाठ का लाभ लिया गया। यह गिरिराज सेवा की यात्रा वर्ष में एक बार 3-दिन पालिताना जी मे तथा 1-दिन गिरनार जी मे साथ ही मार्ग के सभी छोटे बड़े महत्व के तीर्थ तथा जिन मंदिरों के दर्शन पूजन के साथ संपन्न होती है, इस यात्रा में गिरिराज सेवको का नेतृत्व सचिन बोथरा (नवापारा राजिम) के द्वारा होता है। इस वर्ष धमतरी से 5 सदस्य में  पंकज पारख, सुनील बरडिया तथा रितेश नाहर के साथ नैतिक नाहर और जैनम बरडिया  भी कुल 25 सदस्य कि टीम में शामिल थे। सकुशल यात्रा संपन्न कर धमतरी नगर में विराजित खरतरगछाचार्य श्री जिन पूर्णानंद सागर सरिशर जी मा. साहेब का दर्शन का लाभ लेकर आचार्य भगवान से अनुमोदना तथा आशीर्वाद प्राप्त किया।