मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि जंगल सफारी नवा रायपुर में वन्य प्राणियों के लिए लगातार बाड़ों का निर्माण किया जा रहा है। वन विभाग द्वारा जंगल सफारी में निर्मित विभिन्न बाड़ों से जैव विविधता के संरक्षण तथा संवर्धन में भी मदद मिलेगी। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए वन मंत्री श्री अकबर ने कहा कि जंगल सफारी और जू का निर्माण वन्य प्राणियों के व्यवस्थित प्रबंधन तथा प्राकृतिक परिवेश को बनाए रखने के लिए किया गया है। इसी कड़ी में नंदनवन जंगल सफारी एवं जू नवा रायपुर के निर्माण में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इससे विलुप्त प्राय वन्य प्राणी की प्रजातियों के संवर्धन तथा संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही आम आदमी तथा सैलानियों को विभिन्न वन्य प्राणियों को नजदीक से देखने का बेहतर मौका उपलब्ध होगा।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री बघेल द्वारा गत वर्ष 2019 में 5 अक्टूबर को जंगल सफारी नवा रायपुर में 11 बाड़ों का लोकार्पण किया गया था। इनमें रायल टायगर, लायन, लेपड़, सफेद बाघ, कछुआ, दरियाई घोड़ा, घड़ियाल, ऊद बिलाव, बंगाल मॉनीटर लिजॉर्ड-गोह, क्रोको डायल तथा वन भैंसा आदि बाड़ा शामिल है। नंदनवन जंगल सफारी एवं जू, नवा रायपुर में उपलब्ध नैसर्गिक वन के साथ-साथ लगभग 200 हेक्टेयर क्षेत्र में 1978-80 के मध्य रोपित किए गए विभिन्न प्रजातियों के वृक्षारोपण आज प्राकृतिक वन के रूप में विकसित हो चुके हैं। जंगल सफारी के इस अलौकिक क्षेत्र में एक सर्वेक्षण के मुताबिक लगभग 70 प्रजातियों के पेड़-पौधे, 12 विभिन्न प्रजातियों के वन्य प्राणी, 18 सर्व वर्ग के प्राणियों के साथ-साथ लगभग 76 विभिन्न प्रजातियों के प्रवासी पक्षी जैव विविधता में अपना विशिष्ठ स्थान रखते हैं, जो वन्य प्राणियों के लिए आदर्श रहवास स्थल के रूप में उपयोग में आ रहा है। इस अवसर पर प्रमुख सचिव वन मनोज पिंगुआ, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी)  पी.व्ही. नरसिंगा राव, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक अरूण पाण्डेय तथा मुख्य वन संरक्षक  जे.आर. नायक सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।