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धमतरी के ग्राम पंचायत देवरी के क्वारांटाइन केन्द्र में ठहरे दानी राम सतनामी और उनके परिवार से मुख्यमंत्री ने स्काइप के जरिए जाना हाल चाल

केन्द्र में की गई व्यवस्था और उपलब्ध सुविधाओं पर परिवार ने जताया संतोष
धमतरी । प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज प्रदेश के विभिन्न कोरंटाईन सेंटरों में ठहरे लोगों से स्काइप के जरिए चर्चा की। इसी कड़ी में उन्होंने जिले के धमतरी विकासखंड के देवरी ग्राम पंचायत के प्राथमिक शाला में बने कोरंटाईन सेंटर में गुजरात लौटे परिवार से चर्चा की। श्री दानीराम सतनामी के अलावा उनकी पत्नी श्रीमती किरण सतनामी, पुत्री पायल सतनामी और पुत्र हुमेन्द्र सतनामी गत 26 मई से कोरंटाईन सेंटर में हैं। मुख्यमंत्री ने इस दौरान उनके स्वास्थ्य, उक्त केन्द्र में की गई व्यवस्था और सुविधाओं की जानकारी ली । उन्होंने श्री दानीराम द्वारा गुजरात में उनके द्वारा किए जा रहे कार्य का विवरण लिया।


श्री दानीराम सतनामी ने बताया कि वे लोग गुजरात के साबरकाठा जिले में सर्जिकल में काम करते थे। इसके तहत डाॅक्टर्स के लिए इस्तेमाल होने वाले काॅटन तैयार करने का काम किया जाता रहा। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जो कार्य वे गुजरात में कर रहे थे, वह यहीं मिल जाए तो क्या वे करना चाहेंगे ? इस पर अत्यधिक प्रसन्नता जाहिर करते श्री दानीराम ने हामी भरा और मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री के पूछने पर श्री दानीराम ने बताया कि उन्हें कोरंटाईन सेंटर में भोजन, चिकित्सा सहित बच्चों के खेलने के लिए खिलौने इत्यादि की बहुत अच्छी सुविधा मुहैय्या हो रही है, साथ ही अधिकारियों द्वारा भी नियमित रूप से उनका हाल-चाल पूछा जा रहा है। यही नहीं मुख्यमंत्री ने उनकी पत्नी और दोनों बच्चों से भी बात कर हाल चाल जाना। नन्हे बच्चे प्रसन्न हो प्रदेश के मुखिया को अपना परिचय भी दिए।
मुख्यमंत्री ने इसके बाद गांव के सरपंच से दूरभाष पर चर्चा की तथा कोरोना बीमारी से सुरक्षा और बचाव के लिए की गई व्यवस्था की जानकारी ली। सरपंच ने मौके पर मुख्यमंत्री से गांव में पुल निर्माण की मांग की जिससे किसानों को धान खरीदी केन्द्र जाने के लिए छः किलोमीटर का लंबा सफर तय करने की जरूरत ना पड़े। मुख्यमंत्री ने तत्काल कलेक्टर श्री जय प्रकाश मौर्य से दूरभाष पर चर्चा कर देवरी-दोनर के बीच लगभग तीन करोड़ की लागत से पुल निर्माण के लिए आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए। ज्ञात हो कि कोविड-19 से सुरक्षा और बचाव के लिए जिले में हर संभव कवायद की जा रही है। इसी कड़ी में लॉकडाउन अवधि में प्रवासी मजदूरों और लोगों को जिले में लौटने पर 14 दिनों के लिए एहतियातन विभिन्न कोरंटाईन सेंटर में रहने की व्यवस्था की गई है। आज इसी तारतम्य में प्रदेश के मुख्यमंत्री ने केन्द्र में ठहरे परिवार से चर्चा की और सभी व्यवस्थाओं पर संतोष भी जताया।

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