धमतरी | जिले के नगरी थाना क्षेत्र अंतर्गत घोरागांव जंगल में रविवार की रात पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई| इस मुठभेड़ में डीआरजी की टीम ने एक नक्सली को मार गिराया है |उसकी पहचान गोबरा एरिया कमेटी के एलओएस कमाण्डर रवि कुमार उर्फ सन्नू के रूप में हुई है | घटनास्थल से बड़ी मात्रा में नक्सल सामान भी बरामद किया गया है|
सोमवार को एसपी कार्यालय में पुलिस अधीक्षक राजभानु ने इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि नगरी ब्लॉक का एक बड़ा हिस्सा नक्सल प्रभावित है. जहाँ नक्सलियों की चहलकदमी अक्सर सामने आती रही है| नक्सलियों की गतिविधियों पर अंकुश लगाने जिला पुलिस की टीम लगातार सर्चिंग में जुटी हुई है| 30 अगस्त को पुलिस को घोरागांव के घने जंगल में सशस्त्र माओवादियों की मौजूदगी की सूचना मिली | डीआरजी की टीम थाना क्षेत्र के जंगलों में सर्चिंग के लिए रवाना हुई | रात्रि करीबन टीम 10 बजे ग्राम घोड़ागाव के घने जंगल में पहुंची जहाँ जंगल में घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने जवानों पर फायरिंग शुरू कर दी| डीआरजी की टीम ने भी मोर्चा संभालते हुए जवाबी फायरिंग की| काफी देर तक चले मुठभेड़ के बाद नक्सली वहां से भाग निकले| गोलीबारी थमने के बाद जब टीम ने मौके पर तलाशी ली तो वहां से एक नक्सली का शव बरामद हुआ जिसकी पहचान गोबरा एरिया कमेटी के एलओएस कमाण्डररवि कुमार उर्फ सन्नू के रूप में की गई | मौके पर एसएलआर मैगज़ीन जिन्दादा कारतूस, विस्फोटक सामान डेटोनेटर, बैटरी, पुस्तके , इलेक्ट्रिक वायर, नेल कटर, दैनिक उपयोग की वस्तुए बरामद की गई। रिइफोर्समेट हेतु थाना दुगली की डीआरजी पाटी नम्बर 2 को तत्काल रवाना किया गया | वे स्वयं भी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मनीषा ठाकुर रावटे एवं पुलिस अनुविभागीय अधिकारी नितीश ठाकुर के साथ घटना स्थल पहुंचे |
पुलिस अधीक्षक ने आगे बताया कि बारिश के मौसम में नदी नाले उफान पर है | सोंढूर नदी और पहाड़ को पार कर उस स्थान तक जाना कठिन था | फिर भी इन चुनोतियों को जवानों ने सहर्ष स्वीकार किया। मुठभेड़ में डीआईजी नगरी की टीम अदम साहस, कर्तव्यानिष्ट का परिचय देते हुए कम समय में तैयारी कर अपनी छोटी टीम लेकर ही घटनास्थल पहुंची तथा सफलता अर्जित की | फिलहाल आसपास के जंगलों में सर्चिंग तेज कर दी गई है। इस कार्यवाही में प्रधान आरक्षक संजीव मालेकर, आरक्षक सौरभ पटेल, आरक्षक राकेश राजपूत, आरक्षक चोवाराम रावटे, आरक्षक मुकेश ध्रुव, आरक्षक सतीश पुरी, सहायक आरक्षक सत्यनारायण, सहायक आरक्षक दुर्गेश यादव, सहायक आरक्षक नेहरू पटले. सहायक आरक्षक रमेश गजबल्ला, सहायक आरक्षक जोहन, सहायक आरक्षक कैलाश मंडावी का महत्वपूर्ण योगदान रहा |