छत्तीसगढ़ी भाषा हमारी संस्कृति व संस्कार की पहचान: रंजना साहू

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धमतरी| छत्तीसगढ़ी भाषा दिवस के अवसर पर पूरे राज्य को अपने संपर्क भाषा के रूप में एक दूसरे को जोड़ने वाले इस पवित्र भाषा की सेवा करने वालों क्षेत्र के दिव्यांग शिक्षक समीपस्थ ग्राम लिमतरा निवासी घनश्याम साहू को सम्मानित करने के लिए विधायक रंजना साहू उनके घर पहुंची| इस अवसर पर विधायक ने कहा कि हमारी छत्तीसगढ़ी भाषा हमारे संस्कार, हमारी दिनचर्या का हिस्सा होते हुए एक नई पहचान बन चुकी है|

अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से इतिहास में छत्तीसगढ़ी व्याकरण के रचनाकार हीरालाल काव्योपाध्याय छत्तीसगढ़ निवासी थे, उन्होंने छत्तीसगढ़ी बोली को राजभाषा का दर्जा देने के लिए एक रास्ता खोल दिया था और उसी का परिणाम यह निकला कि छत्तीसगढ़ के लोगों की भावनाओं को समझते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई ने छत्तीसगढ़वासियों को पृथक राज्य की सौगात दी। तबसे छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली| यह प्रत्येक छत्तीसगढ़िया के अधिकार के साथ अतुलनीय गौरव का विषय है। मौके पर प्रीतेश गांधी प्रदेश स्थाई आमंत्रित सदस्य, जिला पंचायत सदस्य दमयंती केशव साहू, मंडल अध्यक्ष मुरारी यदु, महामंत्री अमनराव, हरदेव सिन्हा, द्वारिका साहू, करन साहू, उपसरपंच परसराम, रुपकुमार साहू, शिशपाल नेताम सहित विभिन्न जन उपस्थित थे।