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कोरोना मरीजों का जिले में ही उपचार कराने स्थलों का चिन्हांकन करने के निर्देश, जिले में कुल 350 मरीजों के लिए विकसित किए जाएंगे अस्पताल

धमतरी | कोविड-19 कोरोना वायरस के पाॅजिटिव प्रकरणों की संख्या में संभावित वृद्धि के मद्देनजर जिले में अधोसंरचना विकसित की जाएगी। कलेक्टर  जयप्रकाश मौर्य ने आज शाम को स्वास्थ्य विभाग, एसडीएम तथा अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक लेकर ऐसे अस्पतालों को चिन्हांकित करने के निर्देश एसडीएम, बीएमओ को दिए। उन्होंने आगामी दिनों में कोरोना वायरस के संभावित संक्रमण को दृष्टिगत करते हुए जिले में 350 मरीजों के समुचित उपचार के लिए आवश्यक उपकरणों एवं अधोसंरचनाओं की जानकारी एकत्रित करने के लिए स्थल निरीक्षण करने के निर्देश एसडीएम एवं बीएमओ को दिए।


वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में कलेक्टर ने बताया कि अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन की ओर से कोविड के मरीजों के उपचार के लिए आवश्यक सामग्री एवं उपकरण उपलब्ध कराए जाने की बात कही गई है। इसके लिए बेड, मास्क, सैनिटाइजर, पीपीई किट, डिस्पोजेबल चादर, आक्सीजन सिलिंडर, कम्प्यूटर माॅनीटर सहित अन्य मूलभूत उपकरणों व सामानों का सर्वे कराकर सूची उपलब्ध कराने के निर्देश बीएमओ एवं एसडीएम को दिए। कलेक्टर ने बताया कि कोरोना मरीजों का उपचार जिला स्तर पर ही मुहैया कराया जा सके, इसके लिए कतिपय अस्पतालों को चिन्हांकित किया गया है। उन्होंने बताया कि इनमें धमतरी क्रिश्चियन हाॅस्पीटल परिसर में स्थित कोविड केयर सेंटर, जिला चिकित्सालय के समीप छात्रावास, निजी क्षेत्र के गुप्ता नर्सिंग होम, नगरी का पुराना सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा लाइवलीहुड काॅलेज का चयन किया गया है। इसके अलावा सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के समीप वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में भी कोरोना मरीजों को भर्ती कर उपचार करने योग्य बनाने के लिए तकनीकी एवं व्यावहारिक सर्वे करके एक दिन के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया। साथ ही वहां पर लगने वाले मानव संसाधन की भी संख्यात्मक जानकारी संकलित करने के लिए कहा। इन केन्द्रों में सिर्फ जरूरी स्टाफ को ही रखा जाएगा।
चार स्तरीय सर्वे शीघ्र पूर्ण करें:- कलेक्टर  मौर्य ने चार कैटेगरी में प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर चार विभिन्न आयुवर्ग के लोगों का स्वास्थ्य सर्वेक्षण कराए जाने के संबंध में कहा कि इस सर्वे से संभावित मरीजों का डाटाबेस तैयार कर उनका उपचार किया जाएगा। विशेष तौर पर 60 वर्ष से अधिक आयु वाले सर्दी-खांसी, बुखार के लक्षण वाले वृद्धजनों, 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं को लक्षण के आधार पर चिन्हांकित किया जाएगा। उन्होंने इसके लिए ग्राम पंचायत स्तर पर मुनादी करने तथा दीवार लेखन के माध्यम से प्रचार-प्रसार कराने के निर्देश मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दिए। ऐसे मरीजों का चिन्हांकन ए.एन.एम., स्वास्थ्य कार्यकर्ता और मितानिनों के द्वारा किया जाएगा। पंचायत सचिव इस कार्य में सहयोग करेंगे। चिन्हांकित मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण मेडिकल टीम द्वारा किया जाएगा तथा उन्हें होम आइसोलेशन में रखकर यथासंभव टेलीमेडिसिन के जरिए उपचार किया जाएगा। कलेक्टर ने इसकी प्रत्येक सप्ताह समीक्षा करने की बात कही। बैठक में जिला पंचायत की सी.ई.ओ. श्रीमती नम्रता गांधी, अपर कलेक्टर श्री दिलीप अग्रवाल सहित स्वास्थ्य विभाग तथा राजस्व विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे।

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