
किसान राजेश धान बिक्री से प्राप्त राशि का उपयोग वे ट्रैक्टर की किस्त चुकाने और खेती किसानी में करेंगे
धमतरी | जिले में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी व्यवस्था इस वर्ष पहले से कहीं अधिक सुव्यवस्थित, पारदर्शी और किसान हितों को केंद्र में रखकर संचालित की जा रही है। प्रशासन द्वारा तकनीकी नवाचारों और सुविधाओं के व्यापक विस्तार से किसानों को त्वरित तथा सुचारू सेवाएँ प्राप्त हो रही हैं, जिसके परिणाम अब जमीनी स्तर पर स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं। इसी सकारात्मक परिवर्तन की मिसाल ग्राम रुद्री के कृषक श्री राजेश साहू हैं, जिन्होंने ‘टोकन तुम्हार द्वार’ मोबाइल एप के माध्यम से ऑनलाइन टोकन बुक कर निर्धारित समय पर खरीदी केंद्र पहुँचकर बिना किसी प्रतीक्षा के अपना धान विक्रय किया। सेवा सहकारी समिति सोरम में उन्होंने 80 क्विंटल धान की बिक्री की। श्री साहू बताते हैं कि ऑनलाइन टोकन व्यवस्था ने किसानों को भीड़, लंबी कतारों और समय की बर्बादी से पूरी तरह मुक्त कर दिया है—यह व्यवस्था किसानों के लिए वास्तव में एक बड़ा राहत कदम साबित हुई है। श्री राजेश साहू ने इस वर्ष 4 एकड़ भूमि में धान की खेती की। समय पर सिंचाई, उन्नत कृषि पद्धतियाँ तथा आधुनिक कृषि यंत्रों के उपयोग से उन्हें इस बार बेहतर उत्पादन प्राप्त हुआ। पिछले वर्ष खरीदे गए ट्रैक्टर ने उनके काम को काफी सुगम बना दिया—खेत की जुताई, समतलीकरण, कटाई और परिवहन जैसे कार्य अब पहले की तुलना में अधिक तेजी, कम लागत और बेहतर दक्षता के साथ संपन्न हो रहे हैं। इस वर्ष की धान बिक्री से प्राप्त राशि का उपयोग वे ट्रैक्टर की किस्त चुकाने, कृषि ऋण भुगतान, रबी फसल हेतु उन्नत गुणवत्ता के खाद-बीज खरीदने, तथा सिंचाई–सुविधाओं को मजबूत करने में करेंगे। साथ ही वे अपने खेत के एक हिस्से में ड्रिप सिंचाई प्रणाली लगाने और खेती में जैविक तरीकों को बढ़ावा देने की भी तैयारी कर रहे हैं, ताकि भविष्य में उत्पादन और आय—दोनों में वृद्धि हो सके। श्री साहू का कहना है कि शासन द्वारा लागू की गई सुविधाएँ—ऑनलाइन टोकन व्यवस्था, खरीदी केंद्रों में पारदर्शी प्रक्रियाएँ, कृषि यंत्रों पर अनुदान तथा किसानों को हर स्तर पर सहायता—ग्रामीण कृषकों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही हैं। इससे किसानों का समय, श्रम और धन—तीनों की बचत हो रही है और वे आर्थिक रूप से अधिक सक्षम बनते जा रहे हैं। धमतरी जिला प्रशासन की ओर से यह प्रयास है कि प्रत्येक किसान को निर्बाध, पारदर्शी और सुविधाजनक खरीदी व्यवस्था का लाभ मिले, ताकि खेती-किसानी का कार्य अधिक लाभप्रद तथा उत्साहवर्धक बन सके।






