”कुष्ठ के विरू़द्ध आखिरी युद्ध“ स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान 2020

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धमतरी | महत्मा गांधी जी के पुण्यतिथि को पुरे छ.ग. में स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान के रूप में मनाया जा रहा है। इसी के तहत् जिला धमतरी में मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमति नम्रता गांधी एवं मुख्यचिकित्सा अधिकारी डाॅ डी.के.तुर्रे के द्वारा स्पर्श कुष्ठ जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखा कर जिला पंचायत धमतरी से सभी चारों ब्लाॅकों में प्रचार प्रसार हेतु रवाना किया गया। तत्पश्चात स्वास्थ्य विभाग की टीम धमतरी के गांधी आश्रम रानीबाग जहां कुष्ठ रोगी पुर्नवास केन्द्र में कुष्ठ रोगियों का पानी और सरसों तेल से प्रभावित अंगों में नमीपन बनाये रखने के विधी, आवश्यकता अनुसार एम.सी.आर. चप्पल जो सामान्य चप्पल से लचीला व नरम होता है, प्लास्टिक का धमेला, सरसों का तेल, घाव के लिए मलहम, पट्टी आदि वितरण कर सपरिवार को भोजन कराया गया।

छत्तीसगढ़ में कुष्ठ रोग की प्रसार दर 2.45 प्रति दस हजार है। जिसमें हमारे जिले धमतरी का 1.9 दिसम्बर 2020 की स्थिति में है। जबकि कुष्ठ रोग उन्मुलन हेतु लक्ष्य प्रति दस हजार की जनसंख्या में 1 या 1 से कम होना चाहिए। हमारे सामाज में आज भी अंधविश्वास के कारण कई लोग पूर्व जन्म का पाप मानते है ऐसे छुपे हुए रोगी ही कुष्ठ रोग का प्रसार करते है, जबकि यह बीमारी एक जीवाणु (लेप्रा बेसीलाई) के कारण होता है। कुष्ठ रोग के कारण प्रभावित अंगों में अक्षमता एवं विकृति आ जाती है, इसलिए छुपे हुए केस को जल्दी से जल्दी खोज कर एवं जांच उपचार कर कुष्ठ रोग का प्रसार रोका जा सकता है, और सामाज को कुष्ठ मुक्त कर सकते हैं। इसलिए स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान (30जनवरी से 13फरवरी 2020) तक चलाया जा रहा है, इस दौरान रैली, ग्राम एवं स्कुल भ्रमण कर संभावित रोगी की खोज, ग्राम सभा में शपथ एवं घोषण पत्र का वाचन 17 फरवारी से 29 फरवरी तक सर्वे टीम घर घर सर्वे करेंगें। 18 मार्च से 5मार्च तक संभावित मरीजों का उपचार किया जायेगा।
कुष्ठ रोग एक सामान्य चर्मरोग है। जो जीवाणु (लेप्राबेसिलाई ) से होता है। ऐसे व्यक्ति जिसमें कुष्ठ रोग के लक्षण है, और जो एक भी बार उपचार (एम.डी.टी ) दवाई नही लिये हैं। ऐसे व्यक्ति के खांसने छींकने से जीवाणु वातावरण में आता है और श्वांस के माध्यम से दूसरे व्यक्ति को संकमित करता है। 2 से 5 साल बाद जिस व्यक्ति के रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी होती है, उसके शरीर में कुष्ठ के लक्षण दिखाई देते है।कुष्ठ रोग के लक्षणः-चमड़ी में चमड़ी से हल्के रंग/लालिमापन दाग का होना जिसमें सुन्नपन हो। तंत्रिकाओं का प्रभावित होना एवं प्रभावित अंग में सुन्नपन, सूखापन, मोटापन सूजन होता हो। प्रयोगशाला में त्वचा की जांच स्कीन स्मियर कराने पर कुष्ठ के जीवाणु का पाया जाना। उपचारः-(एम.डी.टी ) दवाई लेने से कुष्ठ रोग पूर्णताः ठीक हो जाता है। कम जीवाणु (1 से 5 दाग ) होने पर छः माह का उपचार एम.डी.टी. दवाई दिया जाता है। अधिक जीवाणु होने पर ( 5 दाग से अधिक ) मरीज को 1 साल का एम.डी.टी. दवाई दिया जाता है। हाथ एवं पैर के तलूओं में सून्नपन होने पर जिला चिकित्सालय में फिजियो थेरेपी किया जाता है। हाथ पैर के उंगली में टेढ़ापन हाने पर निःशुल्क आॅपरेशन से ठीक किया जाता है। इसकी सुविधा लैप्रोसी अस्पताल लालपुर रायपुर में है। पैर के तलुओं में सून्नपन होने पर घाव न हो इसलिए चप्पल दिया जाता हेै। घाव होने पर डेªसिंग एवं एन्टीबायोटिक दवा व रेस्ट करने की सलाह दिया जाता है जिससे घाव ठीक हो जाता है। चर्म रोग के लक्षण प्रकट होने पर जल्दी जांच एवं उपचार लेने से विकृति नही आती। चर्म रोग की जानकारी से बचाव आसान है।
इस अवसर पर जिला कुष्ठ अधिकारी डाॅ.ए.आर.ठाकुर, एन.एम.ए. ए.के.साहू, जिला मिडिया प्रभारी जे.एल.सिन्हा, मनोज वाधवानी, अरबन पीएचसी से सिटी कार्यक्रम मैनेजर अनुराग गुप्ता एवं महिला आर.एच.ओ, नगर पालिका से फार्मासिस्ट संजय यादव एवं अन्य विभागीय अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे।