रजा फांउडेशन एवं मदरसा कादरिया फैजाने कुरआन धमतरी का संयुक्त कार्यक्रम
धमतरी। आला हजरत ईमाम अहमद रजा खान फाजिले बरेलवी का 102 वां उर्से रजवी पूरे अकीदत और शानो शौकत के साथ बुधवार को मनाया गया। इस मौके पर रात में जामा मस्जिद ग्राउंड में तकरीर तथा कुरआन मुकम्मल करने वाले 3 हाफिजों की दस्तारबंदी की गई। कार्यक्रम रजा फाउंडेशन धमतरी एवं मदरसा कादरिया फैजाने कुरआन धमतरी द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। जलसे के खास मुकर्रिर खंडवा मध्यप्रदेश से आए मौलाना मुफ्ती गुलाम जिलानी अजहरी (फाजिले जामे अजहर मिश्र बानी एवं नाजिमे आला जामिया सुन्निया खंडवा) थे। मौलाना मुफ्ती गुलाम जिलानी अजहरी ने आला हजरत और न्यू टेक्नोलॉजी के उन्वान पर बहुत शानदार तरीके से तकरीर की। देश और दुनिया में दीन के काम को आगे बढ़ाने के मिशन में बरेली के आला हजरत
कार्यक्रम की शुरूआत में मेहमाने खुशुसी मौलाना मुफ्ती आजम जिलानी तथा धमतरी के सभी उलेमाओ व हाफिजों का गुलपोशी से इस्तकबाल किया गया। अंजुमन इस्लामिया कमेटी के अध्यक्ष हाजी नसीम अहमद, रजा फाउंडेशन धमतरी के अध्यक्ष मोहम्मद आजम रिजवी, दिलावर रोकड़िया, मोहम्मद यूसुफ रिजवी, मोहम्मद शाह, यूसुफ रजा देमार, गोलू रोकड़िया, अब्दुल रज्जाक, सलीम नबी ने इस्तकबाल किया। इस मौके पर हाजी अकरम खत्री व अन्य ने नातेपाक पेश की। मुफ्ती जुबैर अहमद रजवी के मदरसा कादरिया फैजाने कुरआन से हिफ्ज कुरआन मुकम्मल करने वाले 3 हाफिजों की मौलाना मुफ्ती गुलाम जिलानी अहजरी के हाथों साफा पहनाकर दस्तारबंदी की गई। संचालन मौलाना मुफ्ती तौहीद आलम ने किया। मंच पर मुफ्ती जुबैर अहमद, मौलाना अलताफ रजा, हाफिज तनवीर रजा कादरी, मौलाना निहालुद्दीन, मोहम्मद मुस्तकीम, हाफिज बशीर अहमद समेत कई हाफिज और मौलाना मौजूद रहे। तकरीर कार्यक्रम में हाजी मोहम्मद हारून उस्मान, हाजी अय्युब निरबान, गुलाम अहमद रजा निरबान, अहमद रजा फटाका, मोहम्मद रजा खान, जहांगीर अशरफ, तनवीर उस्मान, ताजुद्दीन खत्री, सलाम खत्री, हफीजुद्दीन, सिब्तैन रजा, रेहान वीरानी, कलीमुल्लाह खान, इमरान मेमन, इकबाल खोखर, इरफान मेमन, अब्दुल सलाम गोड़ समेत मुस्लिम समाज के लोग मौजूद रहे।
आला हरजरत के उर्स के मौके पर जामा मस्जिद में बाद नमाज जोहर संक्षिप्त तकरीर के बाद 2 बजकर 38 मिनट पर कुल शरीफ की फातिहा हुई। जिसमें अकीदतमंदों ने हिस्सा लिया और आला हजरत के फैजान से सवाब हासिल किया। इसके बाद तबर्रूक बांटा गया। इसी तरह की फातिहा मदीना मस्जिद नवागांव वार्ड में भी हुई।